जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की तरफ से कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र पिछले छह महीने से चल रहा था। कांग्रेस सरकार ने इस षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इसलिए मजबूर होकर तीन साथी, मैंने उनकी कोई शिकायत नहीं की हाईकमांड से कि इनको हटाओ, उसके बावजूद भी उनका जो रवैया रहा है तीन महीने से, छह महीने से आज देखते हो आप आ बैल मुझे मार जो कहावत हैं उस रूप में पेश किया इन्होंने अपने आप को, रोज ट्वीट करते रहते हैं, रोज स्टेटमेंट देते रहते हैं। मुख्यमंत्री जब तक कोई व्यक्ति है तब तक उनके मंत्रिमंडल के साथियों का यह कर्तव्य होता है आम जनता की भावनाओं को समझे, सरकार एकजुट रहे और केबिनेट में वो सब लोग मेरे सहयोगी होते हैं, बॉस कोई नहीं होता हैं इस रूप में ट्रीट किया मैंने सबको। उन्होंने कहा कि नंबर तीन जो विधायक आये हैं जीत कर किसी ग्रुप का हो, कितने नजदीक हो मैंने सबके काम किये, कोई भेदभाव नहीं किया वह खुद जानते हैं उनका दिल जानता हैं। कॉलेज खोलना हैं, SDO ऑफिस खोलना है, सड़क बनानी हैं जो माँगा उन्होंने मैंने दिया है बजट के अंदर उसके बाद में भी उनको ले गए इस प्रकार से मैं समझता हूँ कि आज का माहौल है या जिस प्रकार से फैसले हुए हैं। ख़ुशी किसी को नहीं हैं ना हाईकमांड को ख़ुशी है। पूरे प्रयास कर लिए उसके बाद में जब देखा गया इन्होने तय कर लिया है बीजेपी के साथ में सौदे हो चुके है और ये नई पार्टी बनायेगे, पहले कहते बीजपी में जायेगे लोग तैयार नहीं हो रहे तो नई पार्टी बना लेंगे, तो पार्टी तोडना संविधान के अंतर्गत, कानून के अंतर्गत वह भी लिखा हुआ है एंटी डिफेक्शन बिल है दो-तिहाई होते हैं तो जाकर आप पार्टी तोड़ सकते हो, बीस लोगों से पार्टी नहीं टूटती है। आज जो उन्होंने खेल खेला है दो-तीन दिन से आप बताये 122 लोग हमारे पास में है, 107 कांग्रेस के है आप समझ सकते है दो तिहाई कितने होते है। तो इन्होने यह क्यों यह खेल खेला? और आप ब्लेकमेल कर रहे हो, आप असेम्बली के अंदर फ्लोर टेस्ट होना चाहिए कह रहे है कल से मैं सुन रहा हूँ, उनमें इतनी तो भगवान ने बुद्धि दी है कि कांग्रेस का कोई MLA यह मांग कभी नहीं कर सकता वह यह कह सकता है विधायक दल की मीटिंग बुलाओ, हमारा विश्वास नहीं है मुख्यमंत्री पर, वहां हम अपनी बात कहेंगे अगर बहुमत साथ नहीं होगा मुख्यमंत्री का तो इस्तीफा देना पड़ेगा, यह मांग करना तो वाजिब मांग होती है। अपनी पार्टी की विधायक दल की मीटिंग के अंदर हाई कमांड का ऑब्जर्वर आता हैं, सबकी बात सुनता है फिर फैसला करता हैं। यह कहा लिखा हुआ है कि आप विधानसभा में मांग कर रहे हैं इसका मतलब क्या हैं? कि बीजेपी के सहयोग से हम सरकार गिराएंगे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट हैं जिसकी मंशा हो जाती हैं मुझे मेरी पार्टी के खिलाफ में जाना हैं उसकी मेंम्बरशिप खत्म हो जाती हैं।
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