जयपुर । पत्र सूचना कार्यालय और रीजनल आउटरीच ब्यूरो की तरफ से बुधवार को केंद्रीय सदन, जयपुर में “आज का भारत और गांधी दर्शन” पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता गांधीवादी विद्या जैन ने की। संगोष्ठी में विद्या जैन ने बताया की सभी को अपने जीवन में गांधी जी के सिद्धांत को प्रयोग करना चाहिए और जीवन को सरल और सहज जीने पर अधिक बल देना चाहिए। गांधी जी के सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के महत्वपूर्ण विचारों को जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को स्वतत्र, स्वाभिमानी बनाया जाना आवश्यक है । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि गांधी जी का मानना था कि विकास ऐसा होना चाहिए जिसका लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति को भी मिले। गांधी जी के सिद्धांत जीवन को आसान और जीने लायक बनाते हैं तथा कई पारिवारिक और सामाजिक विसंगतियां दूर करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने सलाह दी कि सभी को गांधी जी की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए जिससे गांधी जी के सिद्धांतों को अधिक से अधिक जाना जा सके।
इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय की अपर महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने गांधी जी के सिद्धांतों पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि गांधीजी के कई वर्षों पूर्व के विचार आज के युवाओं पर लागू होते हैं। सभी को अपने जीवन में गांधी जी के सिद्धांतों का प्रयोग करना चाहिए । इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक प्रेम प्रकाश भारती व केंद्र सरकार के कार्यालयों के अधिकारी व कर्मचारीगण मौजूद थे।
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