जयपुर। विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल के तत्वावधान में आदर्श नगर के
सूरज मैदान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के तीसरे दिन मिशन
प्रमुख आचार्य सुधांशु महाराज ने राजस्थानवासियों से नयी पीढ़ी पर
समुचित ध्यान देने की प्रेरणा दी और कहा कि राष्ट्र के कर्णधार बच्चे और
युवा ही इस देश को ऊँचाई की ओर ले जाएँगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किशोरों एवं युवाओं को दिशा बोध
के कार्य को वर्तमान समय का सबसे बड़ा कार्य बताते हुये इन दोनों शक्तियों
को विशेष सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि इनमें अपार ऊर्जा भरी होती है, जिसे
यदि सही और सकारात्मक दिशा दे दी जाए तो न केवल व्यक्ति वरन परिवार, समाज,
प्रदेश एवं देश का कायाकल्प किया जा सकता है।
सुधांशु जी महाराज ने अपने उदबोधन में कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में
ऊँचाइयाँ छूने के लिए एकाग्रता बहुत ज़रूरी है, जिसे अभ्यास द्वारा
प्राप्त किया जा सकता है। एकाग्रता लाने के लिए को उन्होंने त्राटक का
अभ्यास कराया और बताया कि रूप, गन्ध, ध्वनि, स्पर्श और स्वाद इन पाँचों
माध्यमों से एकाग्रता के ताक़तवर विज्ञान से जुड़ा जा सकता है। आचार्यश्री
ने कहा कि एकाग्रता के सदगुण को जीवन में आत्मसात करने पर व्यक्ति में
सदविचारों का अवतरण होता है। चूँकि विचार ही कर्म के प्रेरक होते हैं,
इसलिए इसके बल पर मनुष्य न केवल उच्चतम सफल व्यक्ति बन जाता है, बल्कि वह
ऊँचाइयां पाते हुये व्यक्तित्व से भी काफ़ी गहरा बन जाता है।
आचार्य
श्री सुधांशु जी महाराज ने जयपुर एवं राजस्थान के विभिन्न अंचलों से आए
अध्यात्म-जिज्ञासुओं को योग एवं ध्यान सिखाया। उन्होंने कहा कि यहाँ सीखी
गयीं व्यक्तित्व विकास की तकनीकों का दैनन्दिन जीवन में नियमित अभ्यास करें
तथा अन्य अनेकों लोगों तक इस ज्ञान सम्पदा का प्रसार व्यक्तिगत स्तर पर
करें।
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