जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने सोमवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि जिन किसानों की फसलों का बीमा नहीं है, उनकी फसल के नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-2016 के तहत जिन किसानों ने बीमा करवा रखा है उनका तथा स्वैच्छिक रूप से किसानों को शामिल करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने कोई बीमा नहीं करवा रखा है उनकी 33 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराबा होने पर आपदा राहत कोष में शामिल करने का प्रावधान है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सैनी प्रश्नकाल में इस सम्बंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि संरक्षित खेती जैसे ग्रीन हाउस, शैड नेट के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं और जिला, तहसील और गांवों के लक्ष्य के आधार पर इन्हें आवंटन में वरीयता दी जाती है।
इससे पहले विधायक हरिसिंह रावत के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए सैनी ने कहा कि विधान सभा क्षेत्र भीम में कृषि बीमा योजना के सम्बन्ध में विगत तीन वर्षों में कोई परिवाद दर्ज नहीं हुए हैं। विधान सभा क्षेत्र भीम में विगत 3 सालों में संचालित की गई। उन्होंने बताया कि कृषि बीमा योजना के तहत बीमित कृषक, बीमा क्लेम व लाभान्वित कृषकों का तहसीलवार विवरण सदन की पटल पर रखा। उन्होंने कृषि बीमा योजना के तहत पृथक से प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने विगत तीन सालों में विधानसभा क्षेत्र भीम में संचालित कृषि बीमा योजना के प्रीमियम में राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा देय अनुदान का विवरण भी सदन की मेज पर रखा।
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