जयपुर। जयपुर डिस्काॅम के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सहित अन्य सुविधाओं की वीडियो काॅन्फ्रेस से समीक्षा करते हुए जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक आर.जी.गुप्ता ने कहा कि जैसी ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सेवाएं शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को मिल रही है वैसी ही ग्रामीण क्षत्रों के उपभोक्ताओं को भी मिलनी चाहिए।
गुप्ता ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सेवाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों बिजली की हालत सुधारने का जिम्मा अधिशाषी अभियन्ताओं का है और उन्हें एफआरटी व्यवस्था का सही तरीके से अधिकतम उपयोग करना चाहिए। डिस्काॅम का लक्ष्य है कि ग्रामीण व शहरी क्षत्रों की सेवाओं में अन्तर नही होना चाहिए, चाहे वह विद्युत फाल्ट हो या बिल की समस्या। इसके लिए एफआरटी सिस्टम को ग्रामीण क्षेत्रों में मजबती से लागू करना चाह रहे है।
उन्होंने कहा कि जब सुविधा उपलब्ध है तो इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भी मिलना चाहिए।जयपुर डिस्काॅम में उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान व बेहतर सेवाओं के लिए डिवीजन स्तर पर 48 उपभोक्ता सेवा केन्द्र खोल दिए गए है और 197 एफआरटी (फाॅल्ट रेक्टीफिकेशन टीम) गाड़ियां उपलब्ध करवा दी गई है। इन एफआरटी का उपयोग शिकायत दूर करने के साथ ही लाईनों की देखरेख के लिए भी किया जाना चाहिए। लाईनों के सर्वे के दौरान कोई पोल टेढा हो या लाईन ढीली हो तो उसको दुरस्त करवाएं। लाईनें दुरस्त होगी तो फीडर फाॅल्ट नही होगा और शिकायतें भी नही आएगी।
गावों में जो एफआरटी लगाई गई उससे बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार हो तथा उपभोक्ता सन्तुष्टि स्तर बढना चाहिए और यह कार्य सुरक्षा का ध्यान रखते हुए होना चाहिए।
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