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- गिरिराज अग्रवाल - ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। खास खबर डॉट कॉम की खबर पर फिर एक बार सच्चाई की मुहर लगी है। भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद आखिरकार चूरू नगर परिषद को यूडी टैक्स का टेंडर रद्द ही करना पड़ा है। यह अकेला मामला नहीं है, जयपुर की फर्म विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए एकतरफा शर्तों वाले टेंडर रद्द होने का यह 5वां मामला है। इससे पहले अजमेर, किशनगढ़, ब्यावर, भीलवाड़ा समेत कई शहरों में ऐसा हो चुका है।
बता दें कि खासखबर डॉट कॉम ने 6 जनवरी, 2025 को प्रकाशित समाचार में बताया था कि यूडी टैक्स का टेडंर 10 लाख रुपए की रिश्वत लेकर तैयार किया गया है। यह फर्म जयपुर की एक फर्म विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार कराया गया था। इस फर्म पर पहले भी जयपुर, उदयपुर, और कोटा निगम में सेटिंग के माध्यम से ठेके लेने के आरोप लगे हैं। इस फर्म के सर्वेयर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा तीन अलग-अलग मौकों पर टैक्स घटाने के लिए जालसाजी में रंगे हाथों पकड़े जा चुके हैं।
हाल ही में ब्यावर और किशनगढ़ में भी इस फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए विशेष योग्यता शर्तें रखी गई थीं, लेकिन प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय के तुरंत कार्यवाही से टेंडर अगले दिन ही निरस्त करना पड़ा था।
चूरू में इस तरह शुरू हुआ था खेल:
ब्यावर की तरह ही चूरू नगर परिषद ने भी टेंडर में निविदाताओं के लिए 5 वर्षों का अनुभव केवल राजस्थान में ही होने जैसी शर्तें जोड़ दीं, जो केवल इस फर्म के पास ही मौजूद थीं।
जबकि स्थानीय निकाय निदेशालय ने पहले ही यूडी टैक्स के लिए योग्यता की स्पष्ट गाइडलाइन तय कर रखी है जिनको पूर्ण रूप से दरकिनार कर इस टेंडर को लाखों रुपये ज़्यादा की फीस पर देने की रूपरेखा बना डाली है। इस टेंडर प्रक्रिया को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक स्तर पर वार्ता शुरू हो गई है।
प्री बिड मीटिंग से गायब हो गए थे अफसरः
खास बात यह है कि यूडी टैक्स के इस टेंडर के लिए 11 जनवरी को प्री-बिड मीटिंग रखी गई थी। लेकिन, इस दिन चूरू नगर परिषद के तमाम जिम्मेदार अधिकारी गायब हो गए। प्री- बिड मीटिंग ही नहीं हो पाई औऱ निविदादाताओं को बैरंग वापस लौटना पड़ा। बता दें कि प्रदेश के नगरीय निकायों में खलबली इसलिए मची है क्योंकि इसी माह यूडी टैक्स टेंडर में सर्वे की अनुमति दिए जाने की एवज में 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए अलवर नगर परिषद का राजस्व अधिकारी जयपुर में दलाल के साथ पकड़ा गया था।
चूरू में यूडी टैक्स का टेंडर क्यों रद्द हुआ, इसकी जांच कराएंगेः राजेश यादव
इधऱ, टेंडर में डीएलबी की गाइड लाइन के विपरीत मनमाने तरीके से शर्तें जोड़कर जयपुर की फर्म विशेष को फायदा पहुंचाए जाने की कोशिशों से स्वायत्त शासन विभाग के उच्चाधिकारी भी हैरान हैं। इस मामले में विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने खासखबर को बताया कि चूरू में यूडी टैक्स के टेंडर को किन कारणों से निरस्त किया गया है, इसकी जांच कराई जाएगी। अगर जांच में वाकई अनियमितताएं सामने आईं तो दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
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