जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में गुरुवार को कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान कृषि विभाग के विभिन्न सेक्टरों के नए प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स पर चर्चा हुई।
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बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को पंत ने बताया कि लुप्त हो रहे फलों के पेड़ों को संरक्षित करने के नए उपाय खोजें और उन्हें पुनः विकसित करने की कोशिश करें। जिससे हमारे पारंपरिक पेड़ पोधों द्वारा प्राप्त होने वाले फलों जैसे फालसा, शहतूत आदि को भरपूर मात्रा में आमजन के लिए उचित दाम और पर्यावरण के अनुकूल उपलब्ध हो सके।
बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना के विभिन्न क्षेत्रों की वार्षिक कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान संबंधित विभाग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि कृषि विभाग के सम्बंधित विभागों के कुल 33 नए प्रोजेक्ट्स में से 28 प्रोजेक्ट्स को वर्ष 2024 के लिए 1877.25 लाख रूपये की स्वीकृति मिली। वन विभाग के विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए कुल 10 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए।
साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्रोजेक्ट्स मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता, रेनफेड एरिया विकास, परम्परागत कृषि विकास योजना आदि में कुल 338. 40 करोड़ रूपये तथा कृषोन्नति योजना के प्रोजेक्ट्स कृषि विस्तार राष्ट्रीय खाद्ध्य सुरक्षा एवं पोषाहार मिशन आदि में कुल 853.26 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि फसल बुवाई के समय योजना का लाभ मिले। जिससे किसान सही समय पर लाभ उठाये और कृषि संबंधी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े।
बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, अभय कुमार, शासन सचिव, आयोजना नवीन जैन सहित विभाग के अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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