गहलोत ने कहा कि इस योजना में खरीद के लिए 90 दिवस की अवधि ही
निर्धारित की गई है। इस अवधि के कम होने के कारण खरीद प्रक्रिया पर अत्यधिक
दबाव रहता है और खरीद केन्द्रों पर भीड़ के कारण व्यवस्था बनाए रखने में
बाधा आती है। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है कि इस 90 दिवस की अवधि को बढ़ाकर
कम से कम 150 दिन किया जाना उचित होगा ताकि किसानों को अगली फसल की तैयारी
के लिए भी पर्याप्त समय मिल सके और वे बिना किसी परेशानी के खरीद
केन्द्रों पर अपनी उपज बेच सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में
खरीफ की मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद प्रक्रिया जल्द प्रारम्भ
होने वाली है तथा इसके प्रस्ताव केन्द्र को भिजवाए जा चुके हैं। उन्होंने
अनुरोध किया है कि दलहन एवं तिलहन के उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखने
वाले राजस्थान के मेहनतकश किसानों के हित में इस योजना की बाधाओं को
प्रधानमंत्री शीघ्र दूर करें।
उन्होंने कहा है कि इससे किसान
उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए प्रेरित होंगे एवं राज्य के
साथ-साथ देश में कृषि विकास, खाद्य सुरक्षा एवं मूल्य स्थिरीकरण को बढ़ावा
मिलेगा।
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