जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के कृषि उपज मंडियों के व्यापारियों के हित में संवेदनशील निर्णय करते हुए उनके बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के प्रकरणों के निराकरण के लिए ब्याज माफी योजना-2019 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 30 सितम्बर, 2019 तक के बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि 31 मार्च, 2020 तक चुकाने पर व्यापारियों को मूल ब्याज राशि तथा विलम्ब शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय है कि राज्य में मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के बकाया रहने की स्थिति में मंडी स्तर पर तथा न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहते हैं। बीते दिनों मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था। जिस पर गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
इस योजना का लाभ ऎसे व्यापारियों को भी मिलेगा जिन्होंने सम्पूर्ण मूल बकाया राशि अथवा इसका कुछ भाग जमा करा दिया है, लेकिन उन पर ब्याज अथवा विलम्ब शुल्क अभी भी बकाया है। हालांकि जिन बकायादारों से पूर्व में ब्याज सहित राशि की वसूली हो चुकी है, उन्हें ब्याज में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए बकायादारों को उनके द्वारा किसी भी न्यायिक स्तर पर दायर वाद एवं प्रकरण वापस लेने होंगे।
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