जयपुर । पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने विधानसभा में भिखारियों एवं निर्धन व्यक्तियों के पूनर्वास संशोधन विधेयक पर कहा कि मुख्यमंत्री ने 2019 के बजट भाषण में राजस्थान को भिखारी मुक्त करने की घोषणा की थी। किन्तु अन्य घोषणाओं की तरह ही वे इस घोषणा को भी भूल गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किरण माहेश्वरी ने कहा कि भिखारियों एवं निर्धन व्यक्तियों के पूनर्वास का अधिनियम 2012 में पारित हुआ, किन्तु इस अधिनियम में अभी तक एक भी भिखारी अथवा निर्धन व्यक्ति का पूनर्वास नहीं किया गया। राजस्थान में 50000 से अधिक भिखारी है। उनके पूनर्वास के लिए कम से कम 1000 पूनर्वास केन्द्र चाहिए। एक भी केन्द्र नहीं खोला गया।
किरण माहेश्वरी ने कहा कि 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भिक्षावृति को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। अब पुलिस भिखारियों को बंदी नहीं बना सकती है। अधिनियम में भिखारियों एवं निर्धन व्यक्ति की कल्याण निधि बनाने का प्रावधान है। बजटीय सहायता के अभाव में कल्याण निधि प्रारम्भ नहीं हो सकी है।
किरण माहेश्वरी ने राज्य सरकार से मांग की कि भिखारियों के पुर्नवास अधिनियम के प्रावधानों को गम्भीरता के साथ लागु करे। यह कार्य केवल अशासकीय संगठनों के भरोसे नहीं हो सकता है। राज्य सरकार को इसमें अग्रगामी भूमिका निभानी होगी।
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