जयपुर। आमजन की समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कार्मिकों के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सख्त रूख अपनाते हुए 9 अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया है। वहीं 3 अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट दी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जिला कलक्टरों के साथ वीडयो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आमजन की समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा क दो अधिकारियों, एक विकास अधिकारी, ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, एक तहसीलदार सहित 9 अधिकारियों और कार्मिकों को निलंबित कर दिया है। वहीं एक तहसीलदार, एक बीडीओ और एक सहायक निदेशक को चार्जशीट दी गई है। राज्य सरकार के आदेशानुसार हिंडाैन के तत्कालीन उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार बुनकर, बुहाना (झुंझनूं) के उपखंड अधिकारी जयसिंह, तहसीलदार मांगीराम पूनिया तथा कनिष्ठ सहायक भुवनेश्वर, रानीवाड़ा (जालौर) के ब्लाॅक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार विश्नोई, वैर (भरतपुर) के कार्यवाहक विकास अधिकारी रामफल शर्मा, जौपाड़ा (दौसा) पटवारी अशोक कुमार शर्मा, ग्राम पंचायत देवनगर (अजमेर) ग्राम विकास अधिकारी सत्यनारायण कच्छावा तथा कनिष्ठ सहायक विक्रम सिंह को निलंबित किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं जालौर के सहायक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक करतार सिंह, अजमेर जिले के तत्कालीन विकास अधिकारी दिलीप कुमार एवं दौसा के तत्कालीन तहसीलदार कैलाश प्रसाद मीना को चार्जशीट दी गई है।
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