गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों ने जिस प्रकार
उद्योगपतियों के कर्ज का वन टाइम सैटलमेंट कर उद्योगों को राहत दी है उसी
तरह अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कृषि क्षेत्र को और मजबूत
करने के लिए उन्हें राज्य में किसानों के ऋण का वन टाइम सैटलमेंट करने पर
भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंकों एवं भूमि
विकास बैंकों के माध्यम से किसानों का ऋण माफ किए जाने से किसानों को राहत
मिली है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नाबार्ड के वर्ष
2020-21 के स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया। इस पेपर में नाबार्ड द्वारा
राज्य में प्राथमिकता क्षेत्रों को 2 लाख 11 हजार 659 करोड़ रूपए के ऋण
वितरण का आकलन किया गया है। जिसमें से 65 प्रतिशत कृषि, 22 प्रतिशत एमएसएमई
एवं शेष 13 प्रतिशत हिस्सा अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए
निर्धारित किया गया है।
बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण वितरण करने में मजबूती से प्रयास करें...
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