जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि विश्वविद्यालय कोटा के संघटक महाविद्यालय के रूप में संचालित उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालावाड तथा कृषि महाविद्यालय, उम्मेदगंज कोटा में 51 नवीन पदों के सृजन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से इन महाविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों का सुचारू संचालन हो सकेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालावाड़ में प्रोफेसर के तीन, एसोसिएट प्रोफेसर के चार तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 13, सेक्शन ऑफिसर, लैब टेक्नीशियन, स्टेनोग्राफर, स्टोरकीपर, केयरटेकर, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष के एक-एक पद के सृजन को मंजूरी दी है। इसी के साथ उन्होंने कृषि महाविद्यालय उम्मेदगंज कोटा में प्रोफेसर के दो, एसोसिएट प्रोफेसर के पांच, असिस्टेंट प्रोफेसर के 9, सेक्शन ऑफिसर, लैब टेक्नीशियन, लाइब्रेरी असिस्टेंट, केयरटेकर एवं एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के एक-एक तथा लैब असिस्टेंट एवं एलडीसी के 2-2 पदों के सृजन को मंजूरी दी है।
मुद्रांक शुल्क में पेनल्टी एवं ब्याज पर छूट अब 31 अगस्त तक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बकाया मुद्रांक शुल्क के प्रकरणों में वसूली योग्य राशि पर दी जाने वाली पेनल्टी एवं ब्याज पर छूट के लिए विशेष राहत योजना की अवधि 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 20 फरवरी, 2020 तक के बकाया मुद्रांक शुल्क जमा कराने पर ब्याज एवं पेनल्टी में छूट के लिए यह योजना 30 जून तक के लिए लागू की थी। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण आमजन को इस योजना का वांछित लाभ नहीं मिल पाया था। ऐसे में गहलोत ने योजना की अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2020 करने की स्वीकृति दी है।
विभिन्न न्यायालयों में नवीन पदों का सृजन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवसृजित सेशन न्यायालय जयपुर महानगर-द्वितीय और नवसृजित अपर जिला एवं सेशन न्यायालय मकराना (नागौर) तथा महुआ (दौसा) में विभिन्न नवीन पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रस्ताव के अनुसार नवसृजित सेशन न्यायालय जयपुर महानगर-द्वितीय में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, शीघ्र लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के एक-एक पद तथा नवसृजित अपर जिला एवं सेशन न्यायालय मकराना (नागौर) तथा महुआ (दौसा) में लिपिक ग्रेड-प्रथम के एक-एक पद के सृजन की मंजूरी दी है। साथ ही नवसृजित सेशन न्यायालय जयपुर महानगर-द्वितीय में निश्चित रिटेनरशिप पर लोक अभियोजक एवं राजकीय अभिभाषक के एक पद के सृजन को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का जल्द निस्तारण संभव होगा और पक्षकारों को राहत मिलेगी।
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