जयपुर । इंडियन वेलफेयर सोसायटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मैसर्स विधि विंड फार्म प्राइवेट लिमिटेड पर ऊर्जा विभाग से 10 करोड़ रुपये की अधिक वसूली करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में इंडियन वेलफेयर सोेसायटी ने बताया है कि मैसर्स विधि विंड फार्म प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में रजिस्टर्ड है और इसकी 90 मेगा वाट पवन ऊर्जा निर्धारित है। इस कंपनी को अक्षय ऊर्जा निगम ने 90 मेगा वाट का पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की अनुमति दी थी। कंपनी ने जैसलमेर जिले में 90 मेगावाट के पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किया। इसके बाद ऊर्जा निगम ने इसके 62.90 मेगा वाट का पावर परचेज एग्रीमेंट वर्ष 2015-16 में कर लिया था। लेकिन कंपनी का 27.10 मेगा वाट का पावर परचेज एग्रीमेंट अब तक भी लंबित पड़ा है।सोसायटी ने पत्र में आरोप लगाया है कि मैसर्स विदि विंड फार्म प्राइवेट लिमिटेड ने 27.10 मेगा वाट के पावर प्रोजेक्ट से बिजली का उत्पादन चालू कर दिया। इस उत्पादन को 62.90 पावर प्रोजेक्ट के बिजली उत्पादन में शामिल कर लिया। सोसायटी के पत्र के मुताबिक विभागीय जांच में अधिक उत्पादन की बात पकड़ में आ गई थी। अलग-अलग दो जांच हुई। सोसायटी का आरोप है कि सरकारी खजाने से डेढ़ वर्ष की अवधि में इस तरह का उत्पादन करके 10 करोड़ से ज्यादा की वसूली कंपनी ने कर ली। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मामले में मुख्यमंत्री से विशेष जांच करवाने की मांग इंडियन वेफेलयर सोसायटी ने की है। साथ ही इसकी प्रतिलिप ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव, डीजीपी, समेत अन्य अधिकारियों को भी भेजी है।
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