जयपुर । क्या राजस्थान पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का मखौल उड़ाती है। सीवरेज कार्य के दौरान मजदूरों की मौत के मामले में तो शायद कुछ ऐसा ही है। इस बात का खुलासा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने खुद किया है। जयपुर में पुलिस विभाग के साथ अनुसूचित जाति के मामलों की रिव्यू बैठक के दौरान यह खुलासा हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कठेरिया ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि अगर किसी व्यक्ति की सीवरेज में कार्य के दौरान मौत हो जाए, तो संबंधित ठेकेदार या फर्म के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इसके अलावा दस लाख रुपये का मुआवजा मृतक के परिजनों को मिलना चाहिए। वहीं परिवार के किसी सदस्य को राज्य सरकार की तरफ से सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
लेकिन रिव्यू बैठक के दौरान पता चला कि वर्ष 2016-17 में सीवरेज कार्य के दौरान 13 लोगों की मौत राजस्थान में हुई थी, लेकिन एक भी मामले में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत मुकदमा दर्ज नहीं किया और ना ही पीड़ित लोगों को नियमों के तहत राहत पहुंचाई। कठेरिया ने कहा कि उन्होंने राजस्थान पुलिस को निर्देश दिए है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए, और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो।
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