जयपुर ।
प्रदेश के जलदाय विभाग में कोटा जिले की अमृत योजना में भ्रष्टाचार की जांच अब अंतिम चरण है। यहां पर इस योजना के तहत पानी के मीटर लगाने
में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था । इस मामले में जलदाय विभाग की तरफ से पहले ही पीएचईडी के अधिशासी अभियंता अरविंद खींची को निलंबित किया जा चुका है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जांच के दौरान पता चला है कि मार्च 2018 से अक्टूबर 2018 के बीच 6 करोड़ 50 लाख रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। वहीं 2 करोड़ 25 लाख के मीटरों की खरीद के विरूद्ध 6 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान उठाया गया। जांच में यह भी पता चला है कि बिना ऑथराईजेशन के 50 हजार मीटरों का निरीक्षण करने की बात की गई थी। वहीं इन मीटरों के निरीक्षण से पूर्व ही तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने डिस्पेच क्लियरेंस दे दी थी। इस भ्रष्टाचार के मामले में खास बात ये है कि साइट पर 5 हजार मीटर लगाए गए, लेकिन भुगतान 20 हजार मीटर लगाने का उठा लिया गया था।
आपको बता दे कि निदेशक डब्ल्यू एसएसओ जयपुर को मामले की जांच के आदेश
दिए गए थे,और यह जांच अब अंतिम चरण में है ।
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