जयपुर। दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की जयपुर शाखा ने सीए के लिए नए व्यावसायिक अवसरों के बारे में एक सेमिनार का आयोजन किया। इसमें नौकरियों, व्यावसायिक विकास और करियर के नए माध्यमों के बारे में चर्चा की गई।
जयपुर शाखा के अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल और सचिव अंकुर गुप्ता ने बताया कि इस सेमिनार से स्थानीय उद्यमिता और पेशेवरों को नए और आवश्यक अवसरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक मंच प्रदान करना था। जिसके द्वारा प्रोफेशनल्स को उन नए अवसरों के बारे में जागरूक करना है जो आजकल की डाइनामिक प्रोफेशनल परिस्थिति में उपलब्ध हैं। हमारा लक्ष्य सीए सदस्यों को उनके प्रोफेशनल कॅरिअर में मार्गदर्शन करने के लिए संसाधन प्रदान करना है ताकि वे आने वाले अवसरों को समझ सकें और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुंबई से आए वक्ता सीए कार्तिकेय कंदोई ने कर्मचारी लाभ में बीमांकिक मूल्यांकन के व्यावहारिक पहलू और कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना लेखांकन पर अपनी दिव्यदृष्टि साझा की। उन्होंने कर्मचारी लाभों में आखिरी लेन-देन के प्रेक्टिकल पहलुओं को व्यक्त किया, जो व्यवसायिक समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि कैसे यह वित्तीय लेनदेन का विवरण करते हैं, जो कर्मचारी लाभों के मामलों में आते हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में ESOP लेखा के प्रति भी अपने दृष्टिकोण को साझा किया, जिससे उपस्थित सदस्यों को कर्मचारी स्टॉक विकल्प लेखा के गहरे सिद्धांतों का समझने में मदद मिल सकी।
सीए हर्षा रमनानी ने ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) रिपोर्टिंग पर चर्चा की तथा साथ ही इसमें आने वाले अवसरों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने ईएसजी रिपोर्टिंग के प्रति अपने अनुभव को साझा किया, जिससे विशेषज्ञता और समझ में वृद्धि हो सके। उन्होंने बताया कि कैसे यह रिपोर्टिंग व्यवसायों के सामाजिक, पर्यावरणिक और शासनिक जिम्मेदारियों को सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है और व्यवसायिक क्षेत्र में सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा दे सकती है।
अंत में सीए सुमित ढड्डा ने व्याख्यान में विभिन्न कानूनों के तहत मूल्यांकन की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न कानूनी प्रावधानों के अनुसार मूल्यांकन की प्रक्रिया को समझा जा सकता है और कैसे इस प्रक्रिया में सही और संरचित तरीके से काम किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न कानूनों के अंतर्गत मूल्यांकन के अलग-अलग पहलू होते हैं और यह कैसे कानूनी डिमांड्स को पूरा करने में मदद कर सकता है। उन्होंने उदाहरणों के साथ दर्शाया कि कैसे मूल्यांकन का सही तरीके से करना व्यवसायिक समुदाय के लिए आवश्यक है, ताकि सही और न्यायिक मूल्य निर्धारित किए जा सकें।
सजा मिलने के बाद गले में तख्ती, हाथ में बरछा लिए नजर आए सुखबीर सिंह बादल
महाराष्ट्र: पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण, मुंबई के आजाद मैदान में तैयारी जारी
दिल्ली में सांस पर संकट बरकरार, AQI 300 पार
Daily Horoscope