जयपुर। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, जयपुर के सहयोग व राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर द्वारा दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन ‘ब्रज संस्कृति अरु कलान कौ उत्कर्ष‘ विषय पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर डाॅ. माया टांक ने कहा कि ब्रजभाषा ने भारतीय संगीत को समृद्ध किया है। ब्रजभाषा में अद्भुत आकर्षण है। सत्र की अध्यक्षता डाॅ. वीरबालाल भावसार ने की। सत्र का संचालन डाॅ. अखिलेश शर्मा ने किया। डाॅ. शीताभ शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
द्वितीय सत्र की मुख्य वक्ता डाॅ. रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि अनेक ब्रजभाषा आचार्य और कृष्ण भक्ति कवि ने जीवन और साहित्य के माध्यम से सामाजिक समरसता की धारा में सबको अवगाहन करने का सुभवसर दिया है। डाॅ. नरेन्द्र शर्मा ‘नरेन्द्र’ ने ब्रजराज की महिमा का वर्णन किया है। सत्र की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. केशव शर्मा ने कहा कि संघर्ष से नहीं समन्वय से जीवन को गति दी जाती है। ब्रजभाषा और ब्रज भू भाग समरसता के प्रतिक है। सत्र का संचालन राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ‘मधुकर’ ने किया। विट्ठल पारीक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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