जयपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सोमवार को जयपुर में गांधी सर्किल पर एवं प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन एवं गहलोत सरकार के एक साल के निरंकुश और कुशासन के खिलाफ सामूहिक उपवास व धरना-प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सामूहिक उपवास व धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार का एक साल जश्न मनाने का नहीं, बल्कि शर्मिंदगी का है। इस सरकार के एक साल में इतने दुष्कर्म, हत्याएं, डकैती और बलात्कार हुए हैं कि राजस्थान पूरे देश में अपराधों के मामले में प्रमुख राज्यों में आ गया है। पिछले एक वर्ष में 1,76,000 मुकदमें दर्ज हुए हैं, जबकि मुख्यमंत्री स्वयं ही गृहमंत्री का जिम्मा संभाले हुए है। इस सरकार ने प्रदेश को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, फिर किस बात का जश्न मना रहें है।
प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार केवल अपने निजी हितों को साधने में व्यस्त है। जिसके कारण प्रदेश की जनता हर जगह छोटी-छोटी चीजों के लिए भी त्रस्त हो रही है। चाहे वह किसान हो, युवा हो, महिला शक्ति हो, सभी को केवल हताशा और निराशा का ही वातावरण इस गहलोत सरकार के समय में देखना पड़ रहा है। राजस्थान की जनता इन नाकामियों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और यही जनता इस गहलोत सरकार को आने वाले पंचायती राज चुनावों में जवाब देगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने समस्त प्रदेशवासियों को धोखा दिया है, किसानों की ऋण माफी का मामला हो, बेरोजगारों को भत्ता देने का हो अथवा प्रदेशवासियों को सुरक्षा देने का हो, हर मुद्दे पर यह सरकार पूर्ण रूप से विफल रही है।
यह अपने आप को राजस्थान का गांधी कहते हैं, ऐसा कहकर माहत्मा गांधी का आपमान कर रहें है। मैं प्रार्थना करूंगा कि गांधीजी इन को सद्बुद्धि प्रदान करें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के विकास की चिंता ना करके सुबह उठने के साथ ही आर.एस.एस. के बारे में अनर्गल बयानबाजी शुरू कर देते हैं। जिससे दिल्ली में बैठे उनके आका खुश हो सके। इसके अतिरिक्त उनका कोई कार्य नहीं बचा। उन्हें लगता है कि दिल्ली की हाजिरी बंद करी तो उनकी बाजरी बंद हो जाएगी। उनके गृहमंत्री रहते हुए राजस्थान के हालात कितने विकट हो गए हैं, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। उनके वित्तमंत्री रहते प्रदेश का खजाना खाली पड़ा है।
जनता का इस सरकार पर ईमान और इकबाल खत्म हो गया है। ऐसे में इनको कोई हक नहीं है कि यह एक वर्ष का जश्न मनाए। वह केंद्र की हितकारी नीतियों को भी प्रदेश में लागू नहीं करना चाहते और अभी-अभी नागरिकता संशोधन विधेयक पर भी उनका विरोध समझ से परे है, जबकि वह खुद राजस्थान में सिख और हिंदू शरणार्थी जो लगभग 1200 लोग हैं उनको नागरिकता देने के लिए पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम को खत लिख चुके हैं और अब तुष्टिकरण और अपने वोटों के चक्कर में राजनीतिक विरोध कर रहे हैं। उनका यह विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि गहलोत सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्य में लागू नहीं किया, तो भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी और जब तक यह लागू नहीं हो जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आज जिला स्तर पर भाजपा का गांधीजी और अंबेडकरजी के विग्रह के सामने धरना प्रदर्शन और उपवास किया गया, कल पंचायत स्तर पर 365 मीटर मार्च करके 52 हफ्ते की सरकार के 365 पाप और विफलताएं है बताई जाएगी।
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