जयपुर । राजस्थान में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का नाम तय नहीं होने से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को राजनीति करने का मौका मिल गया है। दिल्ली तक केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन हो चुका है, लेकिन अभी तक नया प्रदेशाध्यक्ष नहीं आने से प्रदेश भाजपा मुख्यालय में दिनभर सन्नाटा सा पसरा रहता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मौजूदा पदाधिकारी सिर्फ कानाफूसी करते हुए नजर आते है और खुलकर भी कोई भी पदाधिकारी अपनी राय बताने के लिए तैयार नहीं है। यही हाल प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्रियों का है। चाहे राजेंद्र राठौड़ हो, या गुलाबचंद कटारिया, दोनों ही खुद को रेस से अलग बता देते है। वहीं यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी भी खुद को रेस से अलग बता देते है। इसके अलावा सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी समेत अन्य मंत्रियों को दिल्ली दरबार के आदेशों का इंतजार है। अभी तक केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर सहमति नहीं बन सकी है। ऐसा शायद भाजपा में पहली बार हो रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष का नाम तय करने में इतना वक्त लग रहा है।
वहीं लंबा वक्त देखकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी चुटकी भरे बयान देने से नहीं चूक रहे है। पायलट को जवाब देने के लिए मंत्रियों को आगे आना पड़ रहा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का नाम तय नहीं होने से भाजपा मुख्यालय के कार्यक्रम प्रभावित हो रहे है। प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर जरूर कुछ बैठकें करके कामकाज निपटा रहे है। वहीं सीएम वसुंधरा राजे यह बयान दे चुकी है कि आम सहमति से नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का नाम तय होगा।
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