जयपुर। जयपुर उत्तर पुलिस की ब्रह्मपुरी थाने की टीम ने एक बड़ी नकबजनी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए शातिर नकबजन जय कुमार उर्फ जोनी, उसके साथी भारत वासवानी और चोरी का माल खरीदने वाले अशफाक उर्फ समीर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुल्जिमान के कब्जे से लाखों रुपये कीमती सोने और चांदी के जेवरात के साथ चोरी के दो मोबाइल भी बरामद किए हैं।
प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब 16 जुलाई 2024 को परिवादी योगेश कुमार शर्मा ने पुलिस थाना ब्रह्मपुरी में शिकायत दर्ज कराई। योगेश बीकानेर के निवासी हैं और जयपुर में कार्यरत हैं। वह 13 जुलाई को अपने परिवार के साथ बीकानेर गए थे और जब 15 जुलाई को वापस लौटे तो उन्हें पता चला कि उनके घर का ताला टूटा हुआ है और सामान गायब है। उन्होंने बताया कि उनके घर से सोने के मंगलसूत्र, कान के झुमके, चांदी की पायलें, सोने की चेन और नगद 25,000 रुपये सहित लगभग 9 लाख रुपये का सामान चोरी हो गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिकायत दर्ज होने के बाद जयपुर उत्तर की पुलिस उपायुक्त राशि डोगरा डुडी के निर्देशन में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने सबसे पहले घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तकनीकी साक्ष्य जुटाए। इस बीच, सादा कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने कई दिनों तक रैकी करते हुए संदिग्ध नकबजनों की गतिविधियों पर नजर रखी।
इस छानबीन के दौरान पुलिस ने जयकुमार उर्फ जोनी, भारत वासवानी और अशफाक उर्फ समीर को गिरफ्तार किया। जयकुमार और भारत वासवानी नकबजनी के मास्टरमाइंड थे, जबकि अशफाक चोरी के माल को खरीदकर आगे बेचने का काम करता था। जयकुमार के पास से गलाया हुआ सोना और अशफाक के पास से चोरी की चांदी की पायजेब बरामद हुई। इसके अलावा, चोरी किए गए दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
पूछताछ में पता चला कि जयकुमार उर्फ जोनी और उसका साला भारत वासवानी दिन के समय सुने मकानों की रैकी करते थे और रात के समय ताले तोड़कर चोरी को अंजाम देते थे। चोरी किए गए जेवरातों को गलाकर बेचने की योजना बनाई जाती थी, जिससे पुलिस के लिए अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता था।
पुलिस पूछताछ में जयकुमार और भारत ने कबूल किया कि वे अन्य कई चोरी की वारदातों में भी शामिल थे। इन वारदातों में मानसरोवर और प्रताप नगर इलाकों से चोरी की गई स्कूटी और मोबाइल फोन शामिल हैं। पुलिस इनसे गहनता से पूछताछ कर रही है ताकि अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सके।
इस बड़ी सफलता में पुलिसकर्मी नफेसिंह, शंकरराम, और नन्छूराम की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने इस पूरे ऑपरेशन को सफल बनाने में अपनी कुशलता का परिचय दिया।
जयपुर उत्तर पुलिस की इस त्वरित और सफल कार्रवाई ने शहर में नकबजनी की घटनाओं पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस के अनुसार, अपराधियों से और पूछताछ के बाद अन्य मामलों का भी खुलासा होने की संभावना है।
आपको बता दें कि जयपुर शहर में बढ़ती नकबजनी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ आई.पी.एस. और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रद्वीप आई.पी.एस. के निर्देश पर समस्त थानाधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों के तहत, जयपुर उत्तर क्षेत्र में नकबजनी गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त दुर्ग सिंह राजपुरोहित के सुपरविजन और सहायक पुलिस आयुक्त भोपाल सिंह भाटी के निर्देशन में विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया।
इस टीम का नेतृत्व ब्रह्मपुरी थाने के थानाधिकारी ईश्वर चन्द्र पारीक ने किया, जिनके साथ उप निरीक्षक जगदीश नारायण, मोहनलाल, सहायक उप निरीक्षक हनुमान सहाय और साइबर विशेषज्ञ नन्छूराम की टीम शामिल थी। टीम के अन्य सदस्यों में कांस्टेबल शंकरराम, प्रदीप, उमेशचंद, नफेसिंह और भागीरथ भी शामिल थे।
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