|
मीणा ने कहा कि प्रदेश में जल्दी ही नई उद्योग नीति लाई जा रही है।
नए अध्यादेश के माध्यम से प्रदेश में उद्योग स्थापित करना आसान हो गया है
और अब तीन साल तक किसी भी औपचारिकता को पूरा नहीं करना होगा और किसी तरह की
सरकारी दखलन्दाजी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि अब
उद्यमी उद्योग धन्धों की स्थापना के लिए अन्य प्रदेशों की और नहीं देखे और
प्रदेश मे ही उद्योग धन्धे स्थापित करें। अतिरिक्त मुख्य
सचिव उद्योग डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों पर ट्रस्ट
(विश्वास) करते हुए सेल्फ डिक्लरेशन के आधार पर प्रदेश में उद्योग स्थापित
करने की स्वायत्तता का अध्यादेश लागू कर समूचे देश में अग्रणी पहल कर चुकी
है।
उन्होंने बताया कि नए लगने वाले उद्योग तीन साल तक सरकारी औपचारिकताओं
से मुक्त रहेंगे और पूरी तरह से निरीक्षण मुक्त होंगे। डाॅ.
अग्रवाल ने बताया कि समूचे देश में औद्योगिक निवेश की नई अग्रगामी औद्योगिक
नीति जल्दी ही लागू की जाएगी जिससे ग्रीन पाॅलिसी, स्टार्टअप और
औद्योगिकोन्मुखी व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि सरकार सरलीकरण की दिशा
में तेजी से आगे बढ़ रही है।
राज्य के सीएसआर सचिव डाॅ.
कृृष्णाकांत पाठक ने ट्रिपल टी की चर्चा करते हुए सीएसआर, क्राउडिंग
फण्डिंग और चेरिटी के माध्यम से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन में भागीदार
बनने को कहा। प्रदेश में करीब 750 करोड़ के कार्य सीएसआर के तहत करवाए जा
चुके हैं। उन्होंने एसएमएस सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने के पानी जैसी
गतिविधियों में भागीदार बनने को कहा।
जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज
लोकसभा के डिप्टी स्पीकर के रिक्त पद को लेकर खफा मल्लिकार्जुन खड़गे, बोले- पीएम मोदी को लोकतंत्र पर बोलने को कोई हक नहीं
एसबीआई ने ग्राहक सेवा अनुभव को सुधारने के लिए 13,455 जूनियर एसोसिएट को किया भर्ती
Daily Horoscope