जयपुर । महापौर विष्णु लाटा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति यदि हम अभी भी नहीं चेते तो हमें गंभीर परिणाम उठाने होंगे। उत्तराखंड में हुई त्रासदी और अन्य घटनाओ से हमें सबक लेना होगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे। महापौर रविवार को राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान की ओर से 10 दिवसीय स्वच्छ्ता अभियान के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। जलमहल की पाल पर हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं सहित शहरवासियों ने हिस्सा लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रकृति संरक्षण के प्रति जनचेतना जाग्रत करने के उद्देश्य से रविवार अलसुबह पांच सुरम्य स्थानों पर प्रकृति भ्रमण का कार्यक्रम रखा गया। प्रथम प्रकृति भ्रमण गैटोर की छतरियों से गढग़णेश, चरण मंदिर, हथिनी कुण्ड क्षेत्रों का, द्वितीय प्रकृति भ्रमण आमेर के पीछे की पहाडिय़ों में सागर से भूतेश्वर क्षेत्रों का, तृतीय प्रकृति भ्रमण गलतागेट से सूर्य मंदिर, मधुवन एवं रघुनाथगढ क्षेत्रों का, चतुर्थ प्रकृति भ्रमण जलमहल से जलमहल पाल, मंशामाता व नृसिंह बुर्ज क्षेत्रों का तथा पंचम प्रकृति भ्रमण पापड़ के हनुमान जी से मायलाबाग के क्षेत्रों का हुआ। इन सभी स्थानों पर अनुभवी ट्रेकर्स ने गाईड का कार्य किया।
करीब दो-ढाई घंटे के इस प्रकृति भ्रमण के दौरान प्रतिभागियों ने प्लास्टिक व अजैविक पदार्थों के रूप में उपलब्ध कचरे को एकत्रित किया। इसके बाद सभी ट्रेक्स से प्रतिभागी जलमहल की पाल के अंतिम छोर पर मिले।
बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रदर्शनी को सराहा
जल की पाल पर वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट थीम पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें बताया गया कि किस तरह विभिन्न अनुपयोगी चीजों से उपयोगी सामान बनाया जा सकता है एवं कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है। अलग-अलग प्रकृति संरक्षण के उपाय किए जाने के बारे में प्रदर्शनी में सामग्री रखी गई। महापौर विष्णु लाटा ने इसकी सराहना की।
संकल्प फाउंडेशन के तत्वावधान में आमजन से प्रकृति संरक्षण के 'संकल्प पत्र' भी भरवाएं गए, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं अथवा कम से कम करने व प्रदूषण नहीं फैलाने जैसे संकल्प लिए गए। संकल्प पत्र में लोगों ने स्लोगन भी लिखे। इस दौरान कुछ प्रतिभागियों द्वारा नाटक का प्रदर्शन भी किया गया। प्रकृति भ्रमण में आने वाले प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया।
वानिकी प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. एन.सी. जैन ने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता में बढ़ते हुए कचरे की समस्या के बारे में जाग्रत करना एवं अनुपयोगी वस्तुओं को पुन: चक्रित करते हुए गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग निष्पादित करने एवं गीले कचरे से अपने घर पर अथवा नजदीक स्थान पर खाद बनाना, प्लास्टिक एवं अजैविक पदार्थों का कम से कम उपयोग करना या इसके पुन: उपयोग करना आदि के बारे में प्रेरित किया जाना है। संकल्प फाउंडेशन के सचिव राजेंद्र न्याती ने कहा कि आगामी 10 दिनों में अभियान के तहत जयपुर शहर में 20 हजार संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे तथा आम जनता को प्रकृति संरक्षण से जोड़ा जाएगा।
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