जयपुर। प्रदेश के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बैंकों से कार्यप्रणाली
में बदलाव लाते हुए उद्योगों की वित पोषण व्यवस्था को पारदर्शी और उदार
बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राजस्थान सरकार ने उद्योगों
की स्थापना के लिए पोर्टल पर दो मिनट में पावती पर तीन साल के लिए
अनुमतियों व निरीक्षणों से मुक्त किया है बैंकों को भी एमएसएमई उद्योगों को
ऋण वितरण की इसी तरह की उदार नीति अपनानी होगी। उन्हाेंने कहा कि सूक्ष्म,
लघु और मंझोले उद्योग अर्थव्ववस्था की रीढ़ है और संकट के इस दौर में सरकार
के साथ ही बैंकों को सकारात्मक सोच के साथ समय पर आसानी से वित्तीय
जरुरतों को पूरा कराने के लिए आगे आना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीणा शुक्रवार को फिक्की द्वारारिवाइटलाइजिंग एमएसएमई फॉर आत्म निर्भर
राजस्थानविषय पर आयोजित वच्र्युअल कॉफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने
कहा कि राजस्थान की सरकार ने उद्यमियों की समस्याओं व कठिनाइयों को समझते
हुए निराकरण के ठोस प्रयास किए हैं। उन्होंने राजस्थान के उद्योगपतियों से
राज्य में ही औद्योगिक निवेश का आह्वान किया।
उद्योग
मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी हमारी सरकार ने प्रदेश में
योजनावद्ध व चरणवद्ध तरीके से उद्योगों को शुरु करने के ठोस प्रयास किए यही
कारण है अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान में उद्योग धंघे पटरी पर आ
सकें। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास हमारी प्राथमिकता रही है यही कारण
है कि नई उद्योग नीति के साथ ही निवेश प्रोत्साहन योजना में अन्य राज्यों
से बेहतर सुविधा दी जा रही है यहां तक कि एसजीएसटी में 75 से 100 प्रतिशत
तक की छूट दी जा रही है। रीको के भूखण्डों की कीमत में 25 प्रतिशत तक की
कमी की है।
उन्होंंने कहा कि राज्य सरकार बिजली के फिक्स चार्ज में
छूट, नए निवेश को बढ़ावा देने, मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना में 10
करोड़ तक का ऋण 5, 6 और 8 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए
250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए
पहलीवार निर्यात संवद्र्धन परिषद बनाई गई है।
राजस्थान
चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानद महासचिव डॉ. केएल जैन ने बैंकों व जिला उद्योग
केन्द्रों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता बताते हुए रोजगार मेलों की तर्ज
पर ऋण मेलों के आयोेजन का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई
को विदेशों से आयात होने वाले वस्तुओं क उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने
को कहा।
फैडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपाोर्टर्स के
अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से प्रदेश
में उद्योगों को प्रोत्साहित किया उसकी समूचे देश में सराहना की जा रही है।
उन्हाेंने बताया कि अनेक प्रदेशों में अभी तक जेम ज्वैलरी उद्योगों में
काम तक शुरु नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि आईआईजेजे द्वारा जेम
ज्यूलरी की प्रशिक्षण देने को तैयार है।
अरोड़ा ने कहा कि आज दुनिया के देशों में चीन का विरोाध है और इसका लाभ
उठाने के लिए हमें आयात-निर्यात नीति को अधिक अनुकूल बनाना होगा।
वेबिनार
में रिसर्जेट इण्डिया के डायरेक्टर केके गुप्ता ने बैंकों से
रिपेमेंट शिड्यूल को रिस्ट्रक्चर करने और उद्योगों को अतिरिक्त वित्तीय
संसाधन उपलब्ध कराने को कहा। एसबीआई के महाप्रबंधक गोविन्द सिंह रावत
ने बताया कि एमएसएमई को वित पोषण के लिए रिजनल ऑफिसों में अलग से एजीएम
स्तर के अधिकारी को लगाया गया है। 1100 करोड़ रु. के ऋण स्वीकृति के साथ ही
800 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जा चुका है। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के
क्षेत्रीय महाप्रबंधक श्री प्रभात कुमार झा ने समूचे देश में एमएसएमई
उद्योगों को शुरु कराने में राजस्थान ने सबसे पहले पहल की।
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