जयपुर। ऎसे मैरिज गार्डन जिनका रजिस्ट्रेशन नही करवाया गया है या जिनका नवीनीकरण नही हुआ है, उन पर आगामी 15 दिवस में कार्यवाही कर टैक्स वसूलने केे निर्देश नगर निगम आयुक्त विजयपाल सिंह ने अधिकारियों को दिये है।
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नगर निगम मुख्यालय के ईसी हॅाल में मंगलवार को आयोजित सभी जोनों के उपायुक्तो, राजस्व अधिकारियों तथा राजस्व निरीक्षक कि बैठक में आयुक्त ने निर्देश दिये है कि जिन मैरिज गार्डनो पर यूडी टैक्स,लाईसेन्स फीस तथा अन्य किसी भी प्रकार के शुल्क बकाया है तथा संचालको द्वारा शुल्क जमा नही करवाया जा रहा है तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही कर शुल्क वसूला जाये।
बैठक में उपायुक्त राजस्व प्रथम ने बताया की नगर निगम क्षेत्र में 1304 सम्पत्तिया ऎसी है जिन पर प्रत्येक पर 5 लाख रुपये से ज्यादा का यूडी टैक्स बकाया है। आयुक्त ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिये है कि ऎसे मामलों कीें वे व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करे। ऎसे मामलो की पत्रावली तैयार कर कुर्की वारण्ट के लिए पत्रावली आयुक्त को भेजने के निर्देश दिये।
उन्होेने सभी राजस्व निरीक्षकों एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे घर-घर सम्पर्क कर हाउस टेैक्स,यूडी टैक्स तथा लीज राशि में राजस्थान सरकार द्वारा दी गई छूट की जानकारी पहुचाए। जयपुर शहर में 21 हजार करदाता ऎसे है जो प्रतिवर्ष टैक्स जमा कराते है। किन्तु इनमें से 7378 करदाताओ द्वारा इस वर्ष का यूडी टैक्स जमा नही कराया गया है। इन पर लगभग 28 करोड रूपये बकाया है। आयुक्त ने सभी सम्बन्धित अधिकारीयों को निर्देश दिय है कि ऎसे करदाताओ को शीघ्र नोटिस देकर राजस्व वसूली की जाये।
नगर निगम द्वारा इस वित्तिय वर्ष मे अभियान चलाकर 1879 नई सम्पत्तियों का कर निर्धारण किया गया था इनमें से 695 करदाताओं ने तो कर जमा करवा दिया लेकिन 1184 सम्पत्तियों का कर अभी भी जमा नही करवाया गया है। ऎस मामलों मे सम्पत्ति धारको से पुनः सम्पर्क करने के निर्देश प्रदान किये गये है तथा टैक्स जमा नही करवाने पर जरिये कुर्की वसूली के निर्देश दिये गये है।
आयुक्त ने बताया कि होटल,रेस्टोरेन्ट,स्कूल,बैंक,मैरिज गार्डन आदि पर यूडी टैक्स के अलावा होर्डिग टैक्स,लीज राशि आदि अन्य प्रकार के कर भी बकाया रहते है। उन्हाेंने निर्देश दिये है कि ऎसी सम्पत्तियों के सभी प्रकार के कर वसूले जाये। उन्होंने निर्देश दिये है कि जिन मामलो मे सम्पति धारको ने न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर रखे है, उन मामलो में उपायुक्त, राजस्व अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर अधिवक्ताओ के माध्यम से न्यायालय में निगम का पक्ष मजबूती से रखवाये तथा स्थगन आदेश खारीज होने पर कुर्की की कार्यवाही कर राजस्व प्राप्त करे।
ऎसी फर्मे जिनके जयपुर में केन्द्रीयकृत नियंत्रण कार्यालय संचालित है, जैसे मोबाईल, पैट्रोलियम कम्पनिया, बैंक, फाइनेन्स,सोफ्ट ड्रिंग, इलेक्ट्रोनिक कम्पनिया आदि को विज्ञापन शुल्क जमा कराने के लिए पूर्व में नोटिस जारी किया जा चुका है । किन्तु कई कम्पनियों द्वारा आज तक होर्डिग शुल्क जमा नही करवाया गया है। ऎसे प्रकरणों में जिस जोनल क्षेंत्र में सम्बन्धित कम्पनी का केन्द्रीकृत कार्यालय है उसे कुर्क कर राजस्व वसूला जायेगा।
बैठक में जोन उपायुक्त,राजस्व अधिकारी,राजस्व निरीक्षक तथा निगम के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
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