जयपुर । पूरा देश इस समय कोरोना के कहर का शिकार है। समूचा चिकित्सा तंत्र इसकी रोकथाम और प्रभावितों के इलाज में दिन-रात जुटा हुआ है। इसी तंत्र की एक कड़ी है आशा सहयोगिनी। इस समस्या को जड़ से मिटाने का जज्बा लिए आशा हर सुबह घर से निकल पड़ती है। रोजाना 30 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर इसकी जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आशा बखूबी निभा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश के हर गांव, ढाणी और कस्बे के प्रत्येक घर जाकर परिवार के हर सदस्य की कुशलक्षेम पुछती है। वह यह भी पता करती है कि घर में कोई सदस्य बाहर से तो नही आया है? यदि कोई आया है तो इसकी जानकारी वह क्षेत्र की एएनएम को देती है। अगर घर में कोई बीमार है तो उसको नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर को दिखाने के लिए प्रेरित करती है। इसके साथ ही वह सभी को इस महामारी से बचने के लिए घर पर ही रहने की सलाह भी देती है।
आशा के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। स्वास्थ्य सर्वे, बाहर से आने वाले लोगो की सूचना, होम क्वारेंटीन और आईसोलेशन के फोटो और रिपोर्ट इसी ग्रुप में साझा की जा रही है। यह जानकारी कोरोना से बचाव तथा रोकथाम में काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
आज जब देश कोरोना महामारी से झूझ रहा है, आशा सहयोगीनियाँ चिकित्सा विभाग के लिए सुदूर क्षेत्र से महत्वपूर्ण सूचनाएं संकलित कर विभाग के साथ साझा कर रही हैं, जिससे विभाग को इससे निपटने की रणनीति बनाने में मदद मिल रही है। स्वास्थ्य सर्वे के साथ-साथ हैल्थ स्क्रीनिंग में भी इनका योगदान सराहनीय है। लॉकडाउन से पहले से ही सभी आशा सहयोगीनियाँ कोविड 19 को लेकर आमजन में जागरूकता के प्रसार का बीड़ा उठा चुकी हैं। अभी भी वे लोगों को कोरोना को लेकर मिथ्या धारणाओं से बचने की सलाह दे रही हैं।
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