अहमदाबाद। नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी आसाराम ने 1972 में गुजरात के मोटेरा में एक कुटिया से अपने आश्रम की शुरूआत की थी। उसके बाद 46 साल में उसने अपना अरबों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
60 के दशक मे
आसाराम ने लीलाशाह से आध्यात्मिक दीक्षा लेने के बाद 1972 में अहमदाबाद से
करीब 10 किलोमीटर दूर मोटेरा कस्बे में अपनी पहली कुटिया बनाई। यहीं से
शुरू हुआ उसका साम्राज्य, जो आगे चलकर पहले राज्य फिर देश और उसके बाद पूरे
विश्व मेें फैल गया।
आयकर विभाग ने 2300 करोड़ की सम्पत्ति उजागर की थी
-जून
2016 में इंकमटैक्स डिपार्टमेंट ने आसाराम की 2300 करोड़ रुपए की अघोषित
सम्पत्ति की घोषणा की, तब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसके दुनिया भर में
करीब 400 आश्रम हैं। दुनिया भर में फैली योग वेदांत समिति के माध्यम से भक्तों से धन लिया जाता,
जैसे-जैसे वह विख्यात होता गया, उसने अपनी भक्ति कारोबार को खूब फैलाया।
भक्तों से प्राप्त राशि का उपयोग उसने अपने ब्रांड की पत्रिकाएं, प्रार्थना
पुस्तकों,सीडी, साबुन, धूपबत्ती आदि बेचने के लिए किया।आश्रम के नाम पर कई एकड़ सरकारी जमीन भी हड़प ली, इससे उसका खजाना भी
लगातार बढ़ता गया। इससे उसकी आय 10 करोड़ रुपए वार्षिक हो गई।भक्तों को लुभाने के लिए वह प्रसाद के रूप में मुफ्त में भोजन देता। मुफ्त के इस भोजन ने उसके भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आसाराम
की अधिकृत वेबसाइट के अनुसार आज दुनियाभर में उसके सात करोड़ अनुयायी हैं।
भक्तों की संख्या बढ़ने से राजनेताओं को भी उसमें अपने वाेट दिखाई दिए।अटल, आडवाणी और मोदी भी ले चुके हैं आर्शीवाद
पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, पीएम नरेन्द्र मोदी और मंत्री नीतिन गडकरी भी शामिल हैं।इसके अलावा उनके भक्तों की सूची में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, मोती लाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी शामिल हैं।
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