गोडावण संरक्षण के लिये भारत सरकार, राजस्थान सरकार एवं भारतीय
वन्यजीव संस्थान, देहरादून के मध्य एक त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षरित किया
गया था, जिसके अनुसार 35 वर्षाें तक वृहद गोडावण संरक्षण परियोजना पर काम
किया जायेगा।
गोडावण पक्षी के अण्डों के लिये कृत्रिम हैचिंग सेन्टर
सम क्षेत्र में स्थापित किया जाकर, कुछ अण्डों को हैचिंग सेन्टर पर
इनक्यूबेशन हेतु पहुंचाया गया है। वन एवं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 6 अण्डों को इस सेन्टर में कृत्रिम हैचिंग की
स्वीकृति प्रदान की गई।
गौरतलब है कि 8 जून को मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत द्वारा राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर के सुदासरी क्षेत्र में
भ्रमण के दौरान 13 गोडावणों को विचरण करते देख इनके संरक्षण के निर्देश दिए
गए थे।
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