जयपुर। राज्य सरकार ने अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के निजी विद्यालयों के लिए मार्गदर्शी निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि निजी विद्यालय अपने विवेकानुसार एनसीआरटी या राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा निजी प्रकाशकों की ओर से पाठ्यक्रम के अनुसार प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों में से विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए पुस्तकों का चयन कर सकेंगी। परन्तु उनके लिए ये अनिवार्य होगा कि वे शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के कम से कम एक माह पूर्व पुस्तकों की सूची, लेखक और प्रकाशक के नाम मूल्य के साथ अपने विद्यालय के सूचना पट्ट और अपनी वेबसाईट पर प्रदर्शित करे। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों को शाला के विद्यार्थियों या अभिभावकों की ओर से मांगे जाने पर ये सूची उन्हें उपलब्ध करानी होगी। ताकि विद्यार्थी और उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को अपनी सुविधा से खुले बाजार से क्रय कर सके। देवनानी ने बताया कि पुस्तकों के अलावा निजी विद्यालयों द्वारा निर्धारित यूनिफार्म, टाई, जूते और कापियां भी विद्यार्थी और अभिभावक खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके अलावा किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय अपना नाम अंकित नहीं कर सकेंगे।
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