जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में गुरुवार को
यहां शासन सचिवालय में आयोजित स्टेट लेवल एम्पॉवार्ड कमेटी (एसएलईसी) की
बैठक में बीकानेर एवं चूरू जिलों में 14.9-14.9 मेगा वाट क्षमता के दो बायो
मास पावर प्लांट लगाने का अनुमोदन किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अक्षय
ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बीकानेर जिले
की नोखा तहसील के जसरासर नाॅर्थ एवं चुरू जिले की सरदारशहर तहसील के मालसर
गांव में निजी कम्पनी मैसर्स एसएईएल लिमिटेड के माध्यम से 14.9-14.9 मेगा
वाट के बायो मास पावर प्लांट लगाए जाएंगे। कम्पनी बिजली बनाने के लिए राॅ
मेटेरियल के रूप में सरसों की तुड़ी एवं काॅटन वेस्ट जैसे अनुपयोगी फसल
अवशेष का उपयोग करेगी। यह दोनों प्लांट आगामी 36 महीने में तैयार होकर
बिजली पैदा करना शुरू कर देगें। यहां बनने वाली बिजली की आपूर्ति राज्य
सरकार को दी जाएगी।
डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया
कि मैसर्स एसएईएल लिमिटेड राज्य में 14.9-14.9 मेगा वाट क्षमता के 6 बायो
मास प्लांट लगा रही है, जिसमें से बीकानेर जिले के छतरगढ़ में एक प्लांट
लगाने की अनुमति गत जून माह में ही जारी की जा चुकी है। इसके अलावा इस साल
अन्य कम्पनियों को फागी (जयपुर), देवली (टोंक) एवं बागीदौरा (बांसवाड़ा) में
कुल 22 मेगा वाट क्षमता के प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है।
उल्लेखनीय
है कि अक्षय ऊर्जा विकास निगम के प्रयासों से राज्य में अब तक बायो मास से
बिजली पैदा करने की 120 मेगा वाट क्षमता सृजित की जा चुकी है, जबकि लगभग
200 मेगा वाट क्षमता के प्लांट लगना विभिन्न स्तरों पर प्रक्रियाधीन है।
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