जयपुर । मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भले ही उदयपुर संभाग के चारभुजा जी मंदिर से पूजा-अर्चना के बाद राजस्थान गौरव यात्रा का आगाज कर दिया हो, लेकिन यह गौरव यात्रा वाकई में गौरव यात्रा है या नहीं यह तो प्रदेश की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में तय करेगी। अगर उदयपुर संभाग के जिलों में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत होने वाले विकास कार्यों पर नजर डाली जाए, तो यह एक फिसड्डी रिपोर्ट कार्ड होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खास खबर डॉट कॉम ने जब उदयपुर संभाग के छह जिलों यानी उदयपुर,चित्तौड़गढ़, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम यानी विधायक कोटे के तहत होने वाले विकास कार्यों की पड़ताल की, तो पता चला कि इस कोटे के तहत होने वाले विकास कार्य चार जिलों में तो दस फीसदी का आंकडा भी नहीं छू सके। बाकी दो जिले में 25 फीसदी से कम कार्य हुए है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से पहले पीएम नरेंद्र मोदी बीती 7 जुलाई को जयपुर आकर लाभार्थियों से जनसंवाद कर चुके है, लेकिन क्या राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उदयपुर संभाग के भाजपा विधायकों का पिछले साढ़े चार साल का रिपोर्ट कार्ड देखेंगे।
प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से मिली रिपोर्ट के मुताबिक उदयपुर संभाग में वित्तीय वर्ष 2017-2018 तक
विधायक कोटे से कार्य पूरे होने के प्रतिशत पर नजर डाली जाए, तो बांसवाड़ा में 0.50 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ में 22.79 प्रतिशत, डूंगरपुर में
23.73, प्रतापगढ़ में 2.70 प्रतिशत, राजसमंद
में 6.84 प्रतिशत, और उदयपुर में 5.81 फीसदी
विकास कार्य ही पूरे हो सके थे।
जबकि विधायक कोटे के तहत अगर चालू वित्त वर्ष यानी 2018-2019 की बात की जाए तो उदयपुर संभाग के किसी भी जिलों में कोई भी विधायक कोटे का विकास कार्य पूरा नहीं हो सका है।
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