जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ये जो भारतीय जनता पार्टी के नेता जो आज सत्ता में बैठे हुए हैं, अमित शाह का नाम मैं बार-बार इसलिए लेता हूं कि फोरफ्रंट पर वो ही आते हैं, कर्नाटक के लिए भी या मध्यप्रदेश के लिए भी, गोवा हो, मणिपुर हो, अरुणाचल प्रदेश हो, सब जगह वो ही आते हैं, तो मजबूरी में कहना पड़ता है कि अमित शाह जी आपको क्या हो गया है? आप रात-दिन, जागते हुए-सोते हुए हर वक्त आप सोचते हो कि किस तरह मैं गवर्नमेंट को गिराऊं। अब चुनी हुई सरकारें यदि इस तरह से गिरने लगेंगी, तो देश में डेमोक्रेसी कहां बचेगी? ये डेमोक्रेसी बचाने का अभियान हम चला रहे हैं पूरे देश के अंदर। डेमोक्रेसी बचे, पार्टियां आएंगी-जाएंगी, सरकारें बनेंगी-जाएंगी, व्यक्ति आएंगे जाएंगे, परंतु डेमोक्रेसी नहीं रहेगी तो क्या होगा मुल्क का? क्या होगा लोगों का? 130 करोड़ की आबादी का मुल्क है। 70 साल तक कांग्रेस ने जहां इंदिरा गांधी की जान चली गई, राजीव गांधी शहीद हो गए, बेअंतसिंह जी शहीद हो गए हमारे मुख्यमंत्री पंजाब के, पर डेमोक्रेसी को मजबूत रखा, देश एक रहा, अखंड रहा। पाकिस्तान की तरह बार-बार यहां पर सैनिकों का शासन नहीं हुआ। उस मुल्क में आज डेमोक्रेसी की जो हत्या हो रही है उसकी चिंता हम सबको है। आज हमारे विधायक यहां बैठे हुए थे। जैसे ही परसों राज्यपाल महोदय का आदेश जारी हुआ और कहां-कहां से टेलीफोन आने लग गए उनके पास। हमारे विधायकों को खुद को, उनके परिवारवालों को, उनके मिलने वालों को, धमकी भरे भी, दबाव से भी, मानसिक रूप से परेशान कर दिया विधायकों को, ऐसा माहौल बना दिया। कल मैंने कहा आपको कि पहले वो 10 करोड़ पहली किश्त है उसके बाद 15 करोड़ मिलेंगे, बढ़ते-बढ़ते अब तो लिमिट ही खत्म हो गई है, बल्कि उनको पूछ रहे हैं कि आप बताओ क्या चाहते हो आप लोग। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस मुल्क में ये हॉर्स ट्रेडिंग हो रही हो जिस रूप में उस मुल्क का क्या होगा? हम सबकी ड्यूटी है, हर नागरिक की ड्यूटी है, मीडिया की ड्यूटी है, मुल्क में ज्यूडिशियरी हो, विधायिका हो, कार्यपालिका हो या मीडिया हो, सबकी ड्यूटी पहला काम है हम डेमोक्रेसी को बचाएं। हर नागरिक का कर्त्तव्य बनता है डेमोक्रेसी को बचाने के लिए वो आगे आए, ये मैं अपील करना चाहता हूं। इसीलिए हमारे विधायकों को, ये सोचा गया, काफी दिन से यहां बैठे हुए थे, इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे कि हमने कहा चलो इनको शिफ्ट कर देते है।
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