जयपुर । जयपुर कोटा व जोधपुर में नवगठित सभी नगर निगमों मे वार्डो के पुनः सीमांकन एवं पुर्नगठन का कार्य 31 जनवरी, 2020 तक पूर्ण होगा। पूर्व में यह कार्य 31 मार्च, 2020 तक पूर्ण होना था।
स्वायत्त शासन विभाग ने माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों पर जयपुर, जोधपुर और कोटा में वार्ड परिसीमन एवं पुर्नगठन कार्यक्रम में संशोधन किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी संशोधित कार्यक्रम में बताया गया है कि 15 नवम्बर, 2019 से 14 दिसम्बर, 2019 तक आयुक्तों को वार्डो के पुर्नसीमांकन के प्रस्ताव तैयार करना एवं प्रकाशन कुल 30 दिवस में करना होगा। इसी प्रकार 16 दिसम्बर, 2019 से 30 दिसम्बर, 2019 तक पुनः सीमांकन के प्रस्तावों पर आपत्ति आमंत्रित करना एवं आपत्तियाॅ प्राप्त करना, इसके लिये 15 दिवस निर्धारित किये गये है। वार्ड गठन प्रस्ताव मय नक्शे एवं प्राप्त दावों व आपत्तियों पर टिप्पणी सहित राज्य सरकार को विशेष वाहन द्वारा प्रेषित करने का कार्य 31 दिसम्बर, 2019 से 14 जनवरी, 2020 तक 15 दिवस में तथा राज्य सरकार द्वारा आपत्तियों का निस्तारण एवं प्रस्तावों का अनुमोदन 15 जनवरी, 2020 से 25 जनवरी 2020 तक 11 दिवस में पूर्ण किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा पुर्नसीमांकन वार्डो का राजपत्र में अन्तिम प्रकाशन 27 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2020 तक 05 दिवस में करवाया जायेगा।
वार्डो के पुनः सीमांकन एवं पुर्नगठन के लिये स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक नगर पालिका में वार्ड नगर पालिका हेतु निर्धारित सीटो के अनुरूप होंगे। यह जरूरी नहीं है कि सभी वार्डो की जनसंख्या का अनुपात समान हो। वार्डो के समायोजन के लिये आनुपातिक सीमा से जनसंख्या 10 प्रतिशत अधिक अथवा 10 प्रतिशत कम हो सकती है। किसी भी परिस्थिति में सीमा का उल्लंघन नहीं किया जावे। वार्डो की सीमाएं जहां तक संभव हो सड़क या गली के आधार पर निर्धारित की जावे और यदि इससे वार्ड का अनुपात बिगड़ता हो तो वार्ड रेखा काल्पनिक भी रखी जा सकती है। नगर पालिका के वार्डो को बनाते समय यह सुनिश्चित कर लिया जावे कि कोई भी क्षेत्र वार्ड में से छूट न जावे। वार्डो को इस प्रकार बनाये जो कि वार्ड लम्बे एवं सड़कनुमा नहीं हो तथा यह भी ध्यान रखे कि किसी वार्ड मंे कोई पाकेट न बन जाये।
वार्डो का गठन इस प्रकार किया जावे कि एक ही मकान दो वार्डो में विभाजित न हो पाये। बड़े शहरों में विधानसभा बाउण्ड्री को न तोड़ा जाये तथा दो विधानसभा क्षेत्रों के बाउण्ड्री का एक वार्ड न बनाया जावे। नगर पालिका के वार्डो को पूर्ण रूप से पुलिस थाने की सीमा के साथ इस प्रकार बनाया जावे कि पूरा वार्ड एक थाने की सीमा में रहे। एक वार्ड दो अलग अलग पुलिस थाने की सीमा में विभाजित नही होना चाहिए। नगर पालिका के वार्डो को यथा संभव विकास प्राधिकरण नगर/विकास न्यास के साथ इस प्रकार रखा जावे कि सम्पूर्ण वार्ड एक ही जोन में रहे। नगर पालिका के वार्डो गठन में उपायुक्त पुलिस के क्षेत्राधिकार के संबंध में इस प्रकार रखा जावे कि एक वार्ड अलग अलग पुलिस उपायुक्त/पुलिस स्टेशन में नहीं रहे।
नगर पालिका वार्डो के गठन में उपखण्ड अधिकारी, अति जिला कलेक्टर के क्षेत्राधिकार को भी ध्यान में रखते हुए इस प्रकार पुर्नगठित किया जावे कि सम्पूर्ण वार्ड एक ही क्षेत्राधिकार में रहे तथा उसमें पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी एवं डिस्काॅम के अभियन्ताओं के क्षेत्राधिकार के साथ भी समानता रखी जावे। वार्डो का संख्याकनः- नगर पालिका में वार्डो का संख्याकन नगर पालिका के उत्तर पश्चिमी कोने से एनटीक्लोकवाईज प्रारम्भ करते हुए चक्रीय क्रम से किया जायेगा।
उक्त वार्डो का आरक्षण राजस्थान नगर पालिका (निर्वाचक) नियम, 1994 के अनुरूप किया जायेगा। वार्डो के संख्याकन एवं महिला आरक्षण आदि के लिये कार्य राजस्थान नगर पालिका (निर्वाचक) नियम, 1994 के निमयों के प्रावधानों के अनुरूप ही किया जायेगा।
मुख्यमंत्री योगी को अपना भी डीएनए कराना चाहिए चेक - अखिलेश यादव
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए अब तक दिल्ली में 28 बैठकें - जगदंबिका पाल
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ संत समाज एकजुट
Daily Horoscope