जयपुर। लगातार 16 घंटों बाेलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले सौरभ जैन ने कहा कि व्यक्ति अपनी सफलता और असफलता के लिए खुद जिम्मेदार होता है। हालांकि वे यह भी मानते हैं कि आपकी सफलता के पीछे बहुत-से लोगों की महती भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि हमेशा कुछ नया और बड़ा करने की सोच ने मुझे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिये प्रेरित किया। बता दें कि बरकत नगर निवासी सौरभ जैन (मोटिवेशनल स्पीकर) ने नारायण सिंह सर्किल,भट्टारकजी की नसियाँ स्थित इंद्रलोक
ऑडिटोरियम में 29 अप्रैल 2018 को पर्सनालिटी
डेवलपमेन्ट पर16 घंटे नाॅन स्टाॅप स्पीच दी थी। उन्होंने सुबह 7.15 बजे से
रात्रि 12.15 बजे तक लगातार स्पीच देकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रस्तुत हैं उनसे सवाल-जवाब
प्रश्न 1. आपको 16 घंटे से अधिक बोलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की प्रेरणा कहां से मिली ?
उत्तर 1. यह एक स्वप्रेरित (सेल्फ मोटीवेटेड) स्टेप था। हमेशा कुछ नया और बड़ा करने की चाह रहती है इसी सोच ने मुझे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिये प्रेरित किया।
प्रश्न 2. आप वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का श्रेय किसे देना चाहेंगे ?
उत्तर 2. मैं हमेशा मानता हूँ व्यक्ति अपनी सफलता और असफलता के लिये खुद जिम्मेदार होता है तो अपनी जिन्दगी में होने वाले हर अच्छे और बुरे काम के लिये स्वयं को ही जिम्मेदार मानता हूँ तो इसका श्रेय भी मैं अपने आपको देना चाहूँगा लेकिन निश्चित रूप से आपकी सफलता में बहुत सारे लोगों की महती भूमिका रहती है जिसमें प्रथम मेरे गुरुदेव प्रज्ञा सागर जी मुनिराज जिनकी प्रेरणा और आशीर्वाद हमेशा मुझे प्रोत्साहित करता है, मेरी मां जिन्होंने अपनी जिन्दगी में इतनी परेशनियाँ देखी हैं जिनका वर्णन करना मुश्किल है लेकिन मुझे कभी कोई परेशानी नहीं होने दी, मेरे मामा जी और मेरी धर्मपत्नी जितना विश्वास मुझे मेरी क्षमताओं पर नहीं है उससे ज्यादा विश्वास मेरी धर्मपत्नी को मुझ पर है , सभी सहयोगी संस्थायें,Coordinators, Sponsors,Audience सभी के सहयोग से इस कार्यक्रम का सफल आयोजन हो सका
प्रश्न 3. आपने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिये पर्सनलिटी डेवलपमेंट विषय ही क्यों चुना ?
उत्तर 3. भारतीय सामाजिक व शिक्षा व्यवस्था जंहा पढाई करके एक अच्छी नौकरी पाने का नाम ही सफलता है, जिस देश में पढाई सिर्फ नौकरी पाने के लिये की जाते है उस देश में सिर्फ नौकर ही पैदा होंगे लेकिन समस्या इससे भी बडी है क्योंकि आज बहुत सारे डिग्रीधारी लोग बेरोजगार हैं क्यों ? क्योंकि उन्होंने पढाई के आलावा अपने व्यक्तित्व का विकास के लिये कभी काम किया ही नहीं , आज के समय में पढाई के साथ – साथ व्यक्तित्व विकास की बहुत ही अधिक जरुरत है इसलिये मैंने इस विषय को चुना।
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