जयपुर । नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में उनके निवास पर सोमवार को सांयकाल 06.00 बजे आयोजित बैठक में भूमि निस्तारण नियमों, जयपुर शहर की चार दीवारी के भीतर के भवन विनियम के संबंध में, रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों को हटाने के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग भास्कर ए. सावंत, सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण टी. रविकांथ, निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्वायत्त शासन विभाग उज्जवल राठौड़, मुख्य नगर नियोजक आर.के. विजयवर्गीय, संयुक्त सचिव नगरीय विकास हृदेश कुमार शर्मा तथा स्वायत्त शासन विभाग, नगरीय विकास विभाग एवं जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।
नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि प्रदेश के भूमि निस्तारण नियमों में शीघ्र बदलाव किया जायेगा। उन्होनें कहा कि प्रदेश की नई नीलामी नीति का प्रारूप लगभग तैयार है। जिसका शीघ्र ही नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा। उन्होनें कहा कि आज बैठक में नई नीलामी निती पर विस्तार से चर्चा की गई है। आगामी 4-5 दिवस में नई नीलामी निती तैयार हो जायेगी। उन्होनें बताया कि नई नीलामी निती के अनुसार अधिकतम बोली दाता को कई रियायतें दी गई है। जिसमें नीलामी के तुरंत बाद 25 प्रतिशत के बजाय केवल 15 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी तथा शेष राशि जमा कराने के लिए 1 महीने के बजाय 6 महीने तक का समय मिलेगा। यदि कोई नीलामीकर्ता पूर्ण राशि एक माह में जमा करायेगा तो उसे 1 प्रतिशत राशि की छूट मिलेगी। पूर्व में नीलामीकर्ता को एक माह में 75 प्रतिशत राशि जमा करनी होती थी। उन्होनें बताया कि इसी प्रकार के कई रियायती प्रावधान और निर्णय भी जनहित में लिये गये है।
धारीवाल ने कहा कि हाल ही में जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। राज्य सरकार इस और प्रतिबद्ध है कि एक वर्ष में परकोटा क्षेत्र का पूर्ण संरक्षण किया जाये एवं वर्तमान में जारी भवन विनियमों 1970 में आवश्यक परिवर्तन कर परकोटा क्षेत्र का संरक्षण किया जाये। इसके लिये शीघ्र ही विशेष भवन विनियम लागू होंगे एवं उनकी सख्ती से पालना की जायेगी। जिससे चार दीवारी के भीतर परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा जो सम्मान दिया गया है। उसे हम कायम रख सकेंगे। यह कार्यवाही आगामी एक पखवाड़े में सम्भावित है।
बैठक में रामगढ़ बांध को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। इस अवसर पर श्री शांति धारीवाल ने कहा कि जयपुर के रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र के सभी ऐनीकट, अतिक्रमण/निर्माण हटाए जाएंगे तथा वे स्वयं वर्षा के तुरंत बाद रामगढ़ बांध बहाव क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान उनके साथ प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग, आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण, सचिव स्वायत्त शासन विभाग, निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, सिचांई विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। उन्होनें बताया कि निरीक्षण के तुरंत बाद रामगढ़ बांध बहाव क्षेत्र में किये गये अतिक्रमणों /निर्माणों को हटाने के लिये समयबद्ध एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही की जायेगी। यह कार्यवाही आवश्यक रूप से आगामी वर्षाकाल से पूर्व पूर्ण कर ली जायेगी। उन्होनें कहा कि रामगढ़ बांध बहाव क्षेत्र में किसी का भी अतिक्रमण/निर्माण होगा उसे आवश्यक रूप से हटाया जायेगा। जिससे आगामी वर्षा के दौरान रामगढ़ बांध में पानी आ सके। राज्य सरकार इसके लिये प्रतिबद्ध है।
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