जयपुर। गहलोत सरकार ने प्रदेश के सभी कार्यकलापों में वित्तीय प्रबंधन मजबूत करने के लिए मितव्ययता परिपत्र जारी किया है। इससे राज्य के सीमित संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए संकट की इस घड़ी का सामना करने में आसानी होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परिपत्र के अनुसार वर्ष 2020-21 के बजट की विभिन्न मदों जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, कम्प्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण एवं लेखन, प्रकाशन, पुस्तकालय तथा पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय के लिए उपलब्ध धनराशि का व्यय इस वित्तीय वर्ष में 70 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा। साथ ही, पीओएल मद में स्वीकृत प्रावधान के विरूद्ध व्यय को भी 90 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा।
इकोनॉमी क्लास में ही हवाई यात्रा कर सकेंगे अधिकारी
परिपत्र के अनुसार शासकीय कार्याें के लिए की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखा जाएगा। यथासंभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित की जाएंगी। हवाई यात्रा के लिए अधिकृत अधिकारी इकोनॉमी क्लास में ही यात्रा करेंगे, एक्जीक्यूटिव एवं बिजनेस क्लास में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। विमान किराए पर लेना तथा राजकीय व्यय पर विदेश यात्रा पर भी पूरी तरह प्रतिबंध होगा।
परिपत्र में नए वाहनों की खरीद प्रतिबंधित की गई है। कोविड-19 महामारी की रोकथाम, उपचार तथा पीडि़तों की सहायता के लिए आवश्यक सामग्री एवं उपकरण को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की मशीनरी, साज-सामान, औजार, संयत्र एवं अन्य नई वस्तुओं की खरीद नहीं की जा सकेगी। केवल योजनाओं को संचालित करने के लिए आवश्यक उपकरणों की ही खरीद की जा सकेगी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में शत-प्रतिशत राज्य निधि से वित्त पोषित कोई भी नया कार्यालय खोलने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि विभागीय कार्यप्रणाली में परिवर्तन, सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के कारण जो पद वर्तमान में अप्रासंगिक हो गए हैं, उन्हें चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही की जाए।
राजकीय भोज तथा उपहार क्रय, सत्कार एवं आतिथ्य व्यय पर आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा। सभी राजकीय कार्यक्रम, भूमि पूजन, उद्घाटन समारोह आदि सादगी एवं मितव्ययता बरतते हुए और संभव हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही आयोजित किए जाएंगे। राजकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को देय उपार्जित अवकाश के एवज में नकद भुगतान की नई स्वीकृतियां इस वित्तीय वर्ष में स्थगित रखी जाएंगी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी प्रकार के प्रशिक्षण, सेमिनार, कार्यशाला, उत्सव एवं प्रदर्शनियों का आयोजन यथासंभव ऑनलाइन किया जाएगा। अति-आवश्यक परिस्थितियों में इनका आयोजन राजकीय संस्थाओं, शासकीय भवनों या राजकीय परिसर में ही किया जा सकेगा। प्रशिक्षण, भ्रमण एवं सम्मेलन व्यय के साथ ही उत्सव और प्रदर्शनी के लिए बजट मद में उपलब्ध धनराशि में से कम से कम 50 प्रतिशत की कमी किए जाने के भी निर्देश परिपत्र में दिए गए हैं।
परिपत्र में दिए गए दिशा-निर्देश सभी राजकीय उपक्रमों, कंपनियों, बोर्ड, विश्वविद्यालयों, अनुदानित संस्थाओं, निकायों एवं राज्य सरकार पर वित्तीय दृष्टि से पूर्ण अथवा आंशिक रूप से निर्भर सभी संस्थाओं पर लागू होंगे। दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए संबंधित प्रशासनिक विभाग के प्रभारी सचिव तथा विभागाध्यक्ष एवं स्वायत्त शासी संस्थाओं, राजकीय उपक्रमों एवं विश्वविद्यालयों आदि के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी या संस्था प्रधान जिम्मेदार होंगे।
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