जयपुर| पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने गुरुवार को दावा किया कि जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में राज्य सरकार की ओर से कमजोर लॉबिंग की गई। जोशी की टिप्पणी राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को जयपुर में 2008 के सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए 2019 में मौत की सजा पाने वाले सभी चार लोगों को बरी करने के बाद आई है, हमले में 71 लोग मारे गए थे और 185 अन्य घायल हो गए थे। इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम ने भी कहा था कि ब्लास्ट किसी ने तो किए थे, लोग मरे हैं। हमें पीड़ितों को जवाब देना है। सरकार ने कमजोर पैरवी की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अदालत ने एक आरोपी के नाबालिग होने की दलील को स्वीकार करने के अलावा पांचवें आरोपी को बरी करने के फैसले को भी बरकरार रखा। उन्होंने कहा- पूरा मामला सरकार की घोर लापरवाही के संदेह के घेरे में है। उनका बरी होना इस पूरे मामले में सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। बम विस्फोटों में 71 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी जबकि सैकड़ों लोग घयाल हुए थे। सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जोरदार पैरवी कर आरोपियों को सजा देनी चाहिए और पीड़ितों को न्याय दिलाना चाहिए।
पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार की गतिविधियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वह धार्मिक आधार पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, चाहे उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या का मामला हो या करौली का दंगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृह विभाग भी है, फिर भी राजस्थान का आम आदमी न्याय के लिए तरस रहा है। जयपुर ब्लास्ट जैसे जघन्य अपराध के आरोपियों को सजा दिलाने में भी अगर राज्य सरकार गंभीरता नहीं दिखाएगी तो बाकी मामलों का क्या होगा?
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