जयपुर। कांग्रेस शासन के दौरान प्रशासन शहरों के संग अभियान में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) समेत तमाम नगरीय निकायों में जारी किए गए गलत पट्टे अब रद्द होने शुरू हो गए हैं। इस कड़ी में मालपुरा (टोंक) नगर पालिका ने एक साथ इब्राहीम अली, साडेका, राशिद, अरशद, आसिफ और सवाई माधोपुर नगर पालिका ने धोलीदेवी के नाम जारी 3000 वर्ग गज के पट्टे निरस्त कर दिए हैं। बता दें कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस अपनाने का दावा करते हुए करप्शन पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया था।
उल्लेखनीय है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा था। इसके तहत नगरीय निकायों में अफसरों ने जमकर चांदी कूटी। सरकारी रिक्त भूमि, चारागाह, सिवाय चक और लैंड फॉर लैंड के मामलों में प्रॉपर्टी डीलर, दलाल और भू-माफियाओं से मिलकर जमकर पैसा बनाया। भरतपुर नगर निगम भी जमकर फर्जी पट्टे जारी हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य सचिव सुधांश पंत के जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पेंडिंग फाइलों को लेकर कार्यवाही से नगरीय निकायों में हड़कंप मच गया। उनके निर्देशों के बाद नगरीय निकायों में आकस्मिक निरीक्षण शुरू हुए तो नगर पालिकाओं ने धारा 73 बी ( ) नगर पालिका अधिनियम 2007 के तहत पट्टे निरस्त करने शुरू कर दिए।
लैंड फॉर लैंड पॉलिसी के तहत जेडीए में हुआ 1000 करोड़ से ज्यादा का घोटालाः
कांग्रेस शासन के दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में लैंड फॉर लैंड पॉलिसी के तहत 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का घोटाला हुआ। इसके तहत भू माफियाओं, दलालों और प्रॉपर्टी डीलरों की मदद से सस्ती सी जमीनें सरेंडर करवाकर बेशकीमती जमीनें कौड़ियों के दाम अलॉट कर दी गई। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जब सख्ती दिखाई और अफसरों से लिस्ट मांगी तो जेडीए में हड़कंप मच गया। अफसरों ने लीपापोती करते हुए ऐसे प्रकरणों की 2 सूचियां बनाई हैं। लेकिन, ये दोनों सूचियां धूप सेंक रही हैं। इसमें एक सूची में लीपापोती वाले प्रकरण हैं तो दूसरी सूची में रिंग रोड़ की अवाप्ति में सैकड़ों भूखंडों के मूल नाम अंकित हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों सूचियां अप्रत्यक्ष रूप मंत्री झाबर सिंह खर्रा तक पहुंच चुकी है।
भू-माफिया मंत्री-अफसरों को गुमराह करने में जुटाः
इधर, जैसे ही नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने लैंड फॉर लैंड पॉलिसी समेत तमाम प्रकऱणों में जेडीए के भ्रष्टाचार पर सख्ती दिखाई तो भू-माफिया, बिल्डर्स, डेवलपर, प्रॉपर्टी डीलर और दलाल मंत्री-अफसरों को गुमराह करने में जुट गए हैं। प्रिंट मीडिया और चैनल भी धीरे-धीरे लैंड फॉर लैंड पॉलिसी के मामले में ठंडे पड़ते जा रहे हैं।
लेकिन, जिन किसानों की जमीनों को बिल्डरों और भू माफियाओं ने कौड़ियों के भाव खरीद कर अरबों में बेच डाला। वे किसान जेडीए से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। हाल ही में कैलाश वर्मा के साथ कई किसान जेडीए आयुक्त से मिले और आश्वासन लेकर लौट आए। इधर, नई जेडीसी भी भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने में जुट गई हैं।
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