जयपुर। जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले के साथ हुए हादसे में एक दुखद घटना सामने आई। जगतपुरा स्थित अक्षयपात्र चौराहे पर हुई इस दुर्घटना में पुलिस के एएसआई सुरेंद्र सिंह की जान चली गई। उनकी मृत्यु ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की चूक को उजागर किया, बल्कि पुलिसकर्मियों की साहसिकता और उनकी शहादत की भावना को भी सामने लाया।
घटना का विवरण : दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने काफिले के साथ सीएम हाउस से सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रवाना हुए थे। उसी समय अक्षयपात्र चौराहे पर ट्रैफिक रोकने के दौरान रॉन्ग साइड से एक तेज़ रफ्तार टैक्सी आई। सुरेंद्र सिंह, जो कि वहां तैनात थे, ने टैक्सी को रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद टैक्सी मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियों से टकरा गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एएसआई सुरेंद्र सिंह की शहादत : सुरेंद्र सिंह ने अपने कर्तव्य निभाने के दौरान जो साहस और प्रतिबद्धता दिखाई, वह काबिल-ए-तारीफ है। वह अपनी जान की परवाह किए बिना टैक्सी को रोकने का प्रयास कर रहे थे, ताकि मुख्यमंत्री और उनके काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। लेकिन दुर्भाग्यवश, यह प्रयास उनकी जान की कीमत पर रहा।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी गाड़ी रोक कर घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन अस्पताल में सुरेंद्र सिंह की हालत और बिगड़ गई और उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उनके निधन ने सभी को गहरे दुख में डुबो दिया है।
घायलों की स्थिति : सुरेंद्र सिंह के अलावा इस हादसे में कुल 6 लोग घायल हुए, जिनमें 4 पुलिसकर्मी शामिल हैं। एसीपी अमीर हसन को उंगली में फ्रैक्चर हुआ, जबकि अन्य घायलों को अस्पताल में इलाज मिल रहा है। हादसे में टैक्सी के ड्राइवर पवन और उसके साथी अमित कुमार भी घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे के बाद न केवल अपना अगला कार्यक्रम रद्द किया, बल्कि स्वयं अस्पताल जाकर घायलों का हाल-चाल लिया। इस घटना से मुख्यमंत्री की मानवीय संवेदनशीलता और जिम्मेदारी भी झलकती है, क्योंकि उन्होंने खुद घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल : यह घटना मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक को भी उजागर करती है। बावजूद इसके कि काफिले के सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कई गाड़ियां और पुलिसकर्मी तैनात थे, एक रॉन्ग साइड से आई टैक्सी ने काफिले में घुसकर इस भयावह हादसे को अंजाम दिया। यह सवाल उठाता है कि क्या सुरक्षा व्यवस्था में कुछ सुधार की आवश्यकता है?
पुलिसकर्मी की शहादत पर गहरा शोक : एएसआई सुरेंद्र सिंह की मृत्यु ने उनकी समर्पित सेवाओं को याद करने की जरूरत को और बल दिया। उनका साहसिक प्रयास, जो उन्होंने अपने कर्तव्य को निभाते हुए दिखाया, वह एक प्रेरणा बन कर रहेगा। सुरेंद्र सिंह जैसे बहादुर पुलिसकर्मी हमारे समाज की सुरक्षा में अपनी जान का बलिदान देने के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है, बल्कि पुलिसकर्मियों की बलिदानी भावना और उनके कर्तव्य के प्रति समर्पण को भी सलाम करती है।
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