जयपुर। विश्वविद्यालय पंच वर्षीय विधि महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को “एक्सेस टू क्रिमिनल जस्टिस” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आरम्भ किया गया। संगोष्ठी का मुख्य उद्धेश्य आपराधिक न्याय की सुलभता के समक्ष समकालीन चुनौतियों पर विमर्श से समाधानों का प्रारूप तैयार करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपराधिक न्याय की सुलभता को मानवाधिकारों के मानकों के अनुपालन में आरोपों के लिए न्याय की औपचारिक या अनौपचारिक संस्थाओ के माध्यम से एक उपाय प्राप्त करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है। इस संगोष्ठी में देशभर से लगभग 300 शिक्षक, शोधार्थी और छात्र—छात्रा भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों ने संगोष्ठी में शोध—पत्र प्रस्तुत किए।
समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ती वी. एस. सिराधना ने शिक्षा व मानसिक स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए बताया कि आपराधिक न्याय में कमी मात्र न्यायपति के फैसलों से नहीं आएगी, इसके लिए समाज एवं विद्यार्थियों को उचित प्रयास करने होंगे।
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