जयपुर । जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा आयोजित किए जा रहे परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल 'रसरंगम' के तृतीय दिन हिडन टैलेंट्स व विशिष्टताओं पर आधारित नाटक 'नैपथ्य में शकुंतला' की रचनात्मक प्रस्तुति का दर्शकों ने आनंद लिया। यह फेस्टिवल 13 मार्च तक चलेगा और इसमें शास्त्रीय संगीत, वाद्य, शास्त्रीय नृत्य एवं नाट्य प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रंगायन में मनोज नायर के निर्देशन में नाटक 'नैपथ्य में शकुंतला' का मंचन किया गया। यह शैडो कल्चर और सोशल वेलफेयर सोसाइटी—भोपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। नाटक का कथानक इस विचार पर आधारित था कि हर इंसान की स्वयं के प्रति बहुत अच्छी व ऊंची छवि होती है। उसे जीवन में बहुत अधिक उम्मीदें होती हैं, जो हमेशा पूरी नहीं हो सकती हैं। कल के लिए बेहतर चीजें हासिल करने की कोशिश में आज के अच्छे को भुला दिया जाता है। इस नाटक में ऐसे ही एक निराश व्यक्ति का चित्रण किया गया। नाटक में मुख्य किरदार की छोटी सी भूमिका होती है। चार अन्य पात्र- हिरण, मधुमक्खी, मछली और शेर राजा दुष्यंत एवं शकुंतला को मिलने में मदद करते हैं। ये मूक पात्र मुख्य किरदार को उसकी निराशा से निकलने में मदद कर उसे उसकी छिपी हुई क्षमता, विशेषता और प्रतिभा का अहसास कराते हैं।
नाटक के कलाकारों में अलै खान, स्मिता नायर, अभि श्रीवास्तव, नैनी टी जवांश, अनुश्री जैन, मिलिंद दाभाडे, आदर्श थसू, अनंत राजोरिया, हर्षिता सिंह जादौन और सोनू चतुर्वेदी शामिल थे। लाइट डिजाइन हर्षवर्धन सिंह राजपूत ने की और कॉस्ट्यूम का कार्य स्मिता नायर व रश्मि आचार्य ने किया। नाटक हर्षवर्धन कडवे द्वारा डिजाइन किया गया और देवा, अतुल आर्चवाल और सुमित द्वारा संगीत दिया गया।
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