बैठक में बताया गया कि इस वर्ष (सम्वत् 2075) में राज्य में 9 जिलों की 58 तहसीलों के 5555 गांवों को गंभीर एवं मध्यम सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। अभावग्रस्त क्षेत्रों में मुख्यमंत्री की ओर से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना में पेयजल तथा चारा परिवहन, पशु शिविरों का संचालन आदि गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इन जिलों में कलेक्टर्स को पशु संरक्षण गतिविधियों के लिए चारा डिपो खोलने तथा पशु शिविर या गौशाला संचालन के लिए 6.35 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि दे दी गई है, जिससे समस्त व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की जा सकें।
बैठक में बताया गया कि गौशाला और विशेष पशु शिविरों के संचालन में केन्द्र सरकार से मिलने वाली सहायता राशि में नियमों की पाबंदी के कारण पशु शिविरों के संचालन में कठिनाई आ रही है। गहलोत ने कहा कि इसके लिए किसानों एवं पशुपालकों के हित में नियमों में बदलाव के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा जावे।
बैठक में बताया गया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में 16 अप्रैल को आये अंधड़-तूफान में हुए जानमाल के नुकसान के लिए 1.64 करोड़ रुपये की तत्कालिक अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसमें 27 मृतकों के परिवारों को 1.08 करोड़ रुपये, 17 घायलों के परिवारों को 1.7 लाख रुपये, क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 28.2 लाख रुपये तथा पशुधन की हानि के लिए 26.2 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की गई है।
बैठक में यह भी बताया गया कि आगजनी की घटनाओं के प्रभावितों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के लिए 5-5 लाख रुपये और बाढ़ आदि आपदाओं की स्थिति में राहत कार्याें हेतु 10 लाख से 20 लाख रुपये के रिवोल्विंग फंड सम्बन्धित कलेक्टर्स को जारी किए गए हैं। बैठक में आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री भंवरलाल मेघवाल, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव आशुतोष ए.टी. पेडनेकर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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