जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री से आठवां प्रश्न पूछा है कि ‘‘क्या 15 लाख रोजगार देने का वादा चुनावी जुमला था?’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2013 में चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश के बेरोजगारों, युवाओं, संविदाकर्मियों से अनेकों वादें किए थे और आजीविका सुनिश्चित करने के सपने दिखाए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि सरकार ने न सिर्फ रोजगार देने के मामलें मेंं वादाखिलाफी की है वरन् संविदाकर्मियों को नियमित करने के वादे को तोड़ते हुए अनेकों विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को सेवामुक्त भी कर दिया।
पायलट ने कहा कि भाजपा ने अपनी सरकार की प्रथम वर्षगाँठ के अवसर पर वादा किया था कि विद्यार्थी मित्रों को नियमित किया जाएगा परन्तु उनसे निरन्तर वादाखिलाफी की जिसके परिणामस्वरूप लगभग 28 विद्यार्थी मित्रों ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों को पदमुक्त कर दिया गया और प्रेरकों को अंशकालिक बनाकर न्यूनतम मानदेय पर काम करने वाले इस वर्ग के साथ सबसे बड़ा धोखा किया। उन्होंने कहा कि 15 लाख रोजागार देने का दावा करने वाली सरकार ने बमुश्किल एक लाख सरकारी नौकरियाँ दी है जिनमें से भी अधिकांश पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन द्वारा स्वीकृत भर्तियों की ही पूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने रोजगार देने के वादे में से 10 प्रतिशत को भी पूरा नहीं किया जिसकी वजह से निरन्तर साढ़े चार वर्षों तक बेरोजगारों व युवाओं ने सरकार को वादें याद दिलाने के प्रयास किए परन्तु उनकी सुनवाई करने के स्थान पर उन पर लाठियाँ भांजकर सरकार ने दमनात्मक नीति अपनाकर उनके विरोध को दबाने की हरसंभव कोशिश की।
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