जयपुर। परिवहन विभाग प्रदेश की हर पंचायत समिति में 50-50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत तैयार करेगा जो सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवक की तरह काम करेंगे। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की 15वीं बैठक के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खाचरियावास ने कहा कि विभाग द्वारा इन करीब 15 हजार अग्रदूतों को विशेष मोनोग्राम के साथ हैलमेट प्रदान करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इनको परिवहन विभाग और एनजीओ के माध्यम से सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। क्षेत्र में कोई भी सड़क दुर्घटना होने या मार्ग जाम होने की स्थिति में भी ये अग्रदूत प्रशासन का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा का लक्ष्य तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक आम आदमी इससे न जुडे़। इसके लिए परिवहन विभाग के साथ सभी हितधारक विभाग, एनजीओ और आम आदमी के सहयोग से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष घोषित सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने के साथ ही समय-समय पर और अधिक सड़क सुरक्षा गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और हर माह इनकी समीक्षा भी की जाएगी। श्री खाचरियावास ने कहा कि एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं गांवों से एनएच पर मिलने वाले सड़कों के जंक्शन्स को सुरक्षित बनाने, समय पर सड़क की मेंटीनेंस एवं आवश्कताअनुसार बेरिकेडिंग करने, पशुओं के एनएच पर आवागमन को रोकने के लिए टोल ले रही कम्पनियों को पाबन्द करें। साथ ही टोल पर वाहनों के जाम की समस्या को हल करने के प्रयास करें। उन्होंने मीटिंग में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के नहीं आने को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी प्रकट की।
परिवहन राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में अधिक से अधिक जनजागरूकता के लिए काम किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए फेसबुक, व्हाट्सअप एवं सोशल मीडिया के अधिक से अधिक उपयोग किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवाओं को सड़क सुरक्षा आन्दोलन से जोड़ा जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन राजीव स्वरूप ने एनएचएआई के अधिकारियेां को एनएच पर नियमित अंतराल पर स्पीड लिमिट के संकेतक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंभीर सड़क दुर्घटना के बाद रोड ओनिंग एजेंसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों को उसका त्वरित विश्लेषण करना चाहिए। मासिक आधार पर उनके कारणों की समीक्षा की जानी चाहिए।
आयुक्त एवं परिवहन सचिव राजेश यादव ने विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया एवं प्रदेश की सड़क दुर्घटनाओं में स्थ्तिि, माॅडल सेफ काॅरिडोर, सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के दिशानिर्देशों की अनुपालना की प्रगति की जानकारी दी। बैठक में पुलिस, चिकित्सा, शिक्षा, आपदा प्रबन्धन, स्थानीय निकाय, एनएचएआई जैसे हितधारक विभागों एवं एनजीओ के प्रतिनिधि शामिल हुए।
जिम्मेदारी होगी तय
परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर सड़क काटने के कारण या गड्ढों के कारण कोई दुर्घटना होती है या किसी की मौत होती है तो इसमें उस रोड ओनिंग ऐजेंसी एवं अधिकारियेां की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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