जयपुर। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के युवाओं में जोश का संचार करने वाली बंकिमचंद्र चटर्जी की लिखी बंगाली कविता "वन्दे मातरम" अब गुलाबी नगर में परमवीरों के वंदन के रूप में गायी जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एचएसएस फाउंडेशन और आईएमसीटी की ओर से 6 अक्टूबर 2018 को जेएलएन मार्ग स्थित राजस्थान कॉलेज परिसर में राष्ट्र गीत वन्दे मातरम का समूहगान होगा जिसमें प्रान्त भर के 30 हज़ार से अधिक युवा शामिल होकर एकता की आवाज बनेंगे।
एचएसएस फाउंडेशन के सचिव सोमकान्त शर्मा ने बताया कि देशवासियों में राष्ट्र के प्रति भक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से पिछले 3 सालों से "वन्दे मातरम-वॉइस ऑफ यूनिटी" का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 30 हज़ार छात्र-छात्राओं की राष्ट्र गीत वन्दे मातरम की सामूहिक प्रस्तुति होगी, जिसमें युवा आजादी के आंदोलन के महामंत्र, जन-जन में देशभक्ति का प्राण फूंकने वाले एवं देशहित में शहीद होने की प्रेरणा देने वाले राष्ट्र गीत वन्दे मातरम को कंठस्थ कर गायन करेंगे।
देशभक्ति के इस महायज्ञ में जयपुर के 200 विद्यालयों व 18 महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के अलावा आमजन भी सहभागी होंगे। वन्दे मातरम-वॉइस ऑफ यूनिटी के लिए अभी तक 26 हज़ार छात्र-छात्रायें अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। आगामी दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। अभी तक पंजीकरण करवा चुके विद्यार्थियों को वंदे मातरम गान का अभ्यास प्रारम्भ हो गया है, जिसमें वे लयबद्ध व सस्वर गान करने का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष यह कार्यक्रम एसएमएस स्टेडियम में आयोजित किया गया था, जिसमें 70 हज़ार विद्यार्थी एवं आमजन शामिल होकर परमवीरों व शहीदों को स्वरांजलि देने एवं राष्ट्रभक्ति के इस ज्वार को गतिमान कर जयपुर में इतिहास रचा था।
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