जयपुर ।
‘धरती के सबसे बड़े’ साहित्य उत्सव के तौर पर मशहूर, जयपुर लिटरेचर
फेस्टिवल 2023 का आयोजन 19 जनवरी को, होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में होगा, और
‘कहानी’ कहने की अपनी परम्परा को आगे बढ़ाएगा । ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साहित्य उत्सव के
बहुप्रतीक्षित 16वें संस्करण में दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाएं हिस्सा
लेंगी| इस संस्करण में श्रोताओं को भाषाओँ की अभूतपूर्व विविधता देखने को
मिलेगी, जिसमें 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओँ को फेस्टिवल के 5
वेन्यू पर प्रस्तुत किया जायेगा ।
फेस्टिवल विभिन्न देशों के 350 वक्ताओं की
मेजबानी करेगा, जिसमें सभी प्रमुख पुरस्कारों -- जैसे नोबेल, बुकर,
इंटरनेशनल बुकर, पुलित्ज़र, साहित्य अकादमी, बैली गिफर्ड, पेन अमेरिका
लिटरेरी अवार्ड, डीएससी प्राइज, जेसीबी प्राइज – से सम्मानित लेखक हिस्सा
लेंगे ।
फेस्टिवल के 16वें संस्करण में समाज और समय की ज़रूरतों को
ध्यान रखते हुए, कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, जैसे जलवायु
परिवर्तन, महिलाओं की आवाज़ और पहचान, अपराध कथा, संस्मरण, अनुवाद, काव्य,
अर्थव्यवस्था, टेक मोरालिटी और आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, कृषि में वैश्विक
संकट, रूस-यूक्रेन विवाद, ब्रिटिश साम्राज्य की हिंसा, आधुनिक समय का
विज्ञान, भारत के 75 वर्ष, विभाजन की याद, जिओपॉलिटिक्स, कला और
फोटोग्राफी, स्वास्थ्य और मेडिसीन, तथा अन्य ।
फेस्टिवल में शामिल
होने वाले कुछ प्रमुख वक्ता हैं: नोबेल प्राइज से सम्मानित अब्दुलरज़ाक
गुरनाह; इतिहासकार, पटकथाकार और ब्रॉडकास्टर, एलेक्स वोन तुन्ज़ेलमन;
प्रकाशक एलेक्सेंड्रा प्रिंगल; राजनयिक और लेखक अमीश; जी20 शेरपा ऑफ़ इंडिया
अमिताभ कांत; साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवयित्री अनामिका; SVP,
एस्सार ग्रुप, एविड लर्निंग के सीईओ असद लालजी; भारत के सबसे कामयाब लेखक,
अश्विन सांघी; बुकर प्राइज से सम्मानित लेखक बेर्नार्दिन एवारिस्तो; देश
के प्रमुख अर्थशास्त्री व प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के
अध्यक्ष बिबेक देबरॉय; भारत के प्रमुख कला इतिहासकार बी.एन. गोस्वामी;
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित चन्द्रप्रकाश देवल; उपन्यासकार शिगोज़ी
ओबिओमा; पुरस्कृत लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी; पुरस्कृत पटकथाकार और
उपन्यासकार क्रिस्टोफर क्लोएब्ले; इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित
उपन्यास की अनुवादक डेजी रॉकवेल; लोकप्रिय लेखिका दीप्ति कपूर; प्रसिद्ध
अभिनेत्री दीप्ति नवल; कामयाब उपन्यासकार दुर्जोय दत्ता; भारत में फ़्रांस
के राजदूत एमानुएल लेनेन; तीन कार्यकाल के लिए संसद-सदस्य फ़िरोज़ वरुण
गांधी; दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड से सम्मानित संत
गौर गोपाल दास; इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित गीतांजलि श्री; हरदिल
अजीज़ शायर, गीतकार और लेखक गुलज़ार; भारतीय शास्त्रीय संगीत के माननीय
संगीतकार, पद्म विभूषण हरिप्रसाद चौरसिया; ब्रिटिश लाइब्रेरी के प्रमुख
जैमी एंड्रू; लेखक जैरी पिंटो; लेखक जॉन ज़ुब्रेकी; लोकप्रिय शायर, गीतकार,
पटकथाकार जावेद अख्तर; केरल साहित्य अकादमी के प्रेजिडेंट के. सच्चिदानंद;
पुरस्कृत लेखिका और नाटककार किश्वर देसाई; लेखक महमूद मामदानी; कवि, आलोचक
और लेखक मकरंद आर. परांजपे; पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य और लेखक
मनोरंजन ब्यापारी; लेखक मार्कस दु सौतोय; कवयित्री, उपन्यासकार और अनुवादक
मीना कंडासामी; लेखक मोईन मीर; myntra के फाउंडर और cult.fit के सीईओ मुकेश
बंसल; अकादमिक मुकुलिका बनर्जी; इनफ़ोसिस टेक्नोलोजी लिमिटेड के को-फाउंडर
और अध्यक्ष नंदन नीलेकनी; लेखक नवीन चावला; लेखक नवतेज सरना; आईआरएस ऑफिसर
निरुपमा कोत्रू; पुरस्कृत फिल्ममेकर, प्रोडूसर, पटकथाकार ओनीर; प्रकाशक
ऑस्कर पुजोल; लेखक-राजनयिक पवन के. वर्मा; लेखक पुष्पेश पंत; साहित्य
अकादमी गोल्डन जुबली अवार्ड से सम्मानित रंजीत होस्कोटे; जाने-माने पत्रकार
रवीश कुमार; कामयाब लेखक और राजनेता शशि थरूर; बुकर प्राइज विजेता
श्रीलंकाई लेखक शेहान करुनातिलक; कामयाब लेखिका श्रबानी बासु; कामयाब
लेखिका शोभा डे; कामयाब लेखक सिद्धार्थ मुखर्जी; इनफ़ोसिस फाउंडेशन की
फाउंडर सुधा मूर्ति; द हिंदू के राजनयिक संपादक सुहासिनी हैदर; राजनीतिक
कार्यकर्त्ता स्वपन दासगुप्ता; नारीवादी लेखिका और प्रकाशक उर्वशी
बुटालिया; पॉप की देवी और प्लेबैक सिंगर उषा उथुप; लेखक विजय गोखले; लेखक
विन्सेंट ब्राउन; और कला इतिहासकार ज़ेवियर ब्रे|
19 जनवरी, गुरुवार
की सुबह में, फेस्टिवल की शुरुआत कर्नाटक गायिका सुषमा सोम के दिल को छू
लेने वाले मधुर संगीत के साथ होगी| सर्दियों की खुशनुमा सुबह में फेस्टिवल
के को-डायरेक्टर्स नमिता गोखले व विलियम डेलरिम्पल और फेस्टिवल के प्रोडूसर
संजॉय के. रॉय उदघाटन संभाषण देंगे| कीनोट एड्रेस देंगे नोबेल प्राइज
विजेता अब्दुलरज़ाक गुरनाह|
लेखिका और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की
फाउंडर व को-डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023
का उद्देश्य किताबों, विचारों और साझा वक्तव्य के माध्यम से ख़ुशी का प्रसार
करना है| दुनिया की कुछ श्रेष्ठ प्रतिभाएं भी हमारे इस प्रण में साथ
देंगी| आज की इस कमजोर और खंडित दुनिया में ये आशा और विश्वास की एक किरण
है|”
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