जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने जलग्रहण विकास परियोजनाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जल शक्ति अभियान एवं राज. कृषि प्रतिस्पर्धा परियोजना के क्रियान्वयन में ओर तेजी लायें ताकि परियोजनाओं से कृषि, पेयजल एवं अन्य कार्यों के लिये प्रदेशवासियों को जल सुलभ हो सके । ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिंह शुक्रवार को शासन सचिवालय में जलग्रहण विकास परियोजना से जुड़े अधिकारियों की राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी की 11वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आयुक्त, जलग्रहण विकास आरण. के. शर्मा को निर्देश दिये कि एकीकृत जल ग्रहण प्रबन्धन कार्यक्रम के बैच प्रथम एवं द्वितीय के तहत पूर्ण परियोजनाओं को तत्काल प्रभाव से ग्राम पंचायतों को हस्तान्तरित किया जाये ।
अलवर जिले के बैच प्रथम की पांच परियोजनाओं में जल ग्रहण क्षेत्रों के क्रियान्वयन के प्रभाव की समीक्षा करते हुए सिंह ने परियोजना क्षेत्र में खरीफ की बुवाई 24 प्रतिशत बढ़ने, खरीफ की फसल 14 बढ़ने व कृषि योग्य भूमि में 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर सन्तोष व्यक्त किया ।
सिंह ने आयुक्त जलग्रहण विकास को निर्देश दिये कि पिपलान्त्री प्रशिक्षण केन्द्र को राज्य स्तरीय बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवानें के निर्देश दिये।
बैठक में शासन सचिव एवं आयुक्त पंचायती राज आशुतोष ए.टी. पेडनेकर, राज. कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के निदेशक शोध डॉ. एस. एल. गोदारा,महाराणा प्रताप नाबार्ड के मुख्य प्रबन्धक,काजरी व आफरी, जोधपुर के वैज्ञानिक, जलग्रहण विकास एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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