जयपुर। राज्य विधानसभा ने गुरुवार को जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018 तथा राजस्थान निजी विश्वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधेयक, 2018 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने विधेयकों को सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संशोधनों के माध्यम से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंड के अनुसार राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के लिए प्रोफेसर पद पर दस वर्ष का अनुभव अनिवार्य किया गया है। इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों में प्रेसिडेंट के पद पर नियुक्ति के लिए भी प्रोफेसर पद पर दस वर्ष का अनुभव अनिवार्य होगा।
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