खून को पतला करने और बीपी (ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियाँ और प्राकृतिक उपचार का सुझाव दिया जाता है। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं जो खून को पतला करने और बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:-
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अर्जुन का उपयोग हृदय रोगों के लिए किया जाता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और रक्त प्रवाह को सही रखने में सहायक हो सकता है।
लहसुन (Garlic):
लहसुन में एंटीकोएगुलेंट गुण होते हैं, जो खून को पतला करने में मदद करते हैं और उच्च रक्तचाप को कम कर सकते हैं। लहसुन को कच्चा खाने से अधिक लाभ मिलता है।
आंवला (Indian Gooseberry):
आंवला रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हृदय की सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
त्रिफला (Triphala):
त्रिफला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और यह उच्च रक्तचाप को कम करने में भी सहायक होता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha):
अश्वगंधा तनाव को कम करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक मानी जाती है। यह तंत्रिका तंत्र को भी शांत करती है।
त्रिकटु (Trikatu):
यह तीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है—पिप्पली, काली मिर्च और सोंठ। यह रक्त परिसंचरण को सुधारता है और बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
मुलेठी (Licorice):
मुलेठी रक्तचाप को संतुलित करती है, लेकिन उच्च रक्तचाप के मरीजों को इसका सेवन चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन उलटा असर डाल सकता है।
इन उपायों के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित व्यायाम करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
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