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कंधे का दर्द एक बहुत ही आम शिकायत है। ऐसा माना गया है कि कंधों के आसपास जोड़ों में सूजन आने के कारण यह दर्द होता है। ऐसे दर्द में कभी-कभार कंधे सुन्न भी पड़ जाते हैं। यह स्थिति कई बार महीनों तक रह जाती है। हमारा कंधा तीन हड्डियों से बना है। ऊपरी बांह की हड्डी, कंधे की हड्डी और हंसली।
ऊपरी बांह की हड्डी का सबसे ऊपर वाला हिस्सा कंधे के ब्लेड के एक गोल सॉकेट में फिट रहता है।
यह सॉकेट ग्लेनोइड (Glenoid) कहलाता है। मांसपेशियों और टेंडन्स (Tendons) का संयोजन (conjunction) बांह की हड्डी को कंधे के सॉकेट में केंद्रित रखता है। ये ऊतक (Muscles) रोटेटर कफ कहलाते हैं। ज्यादातर, कंधे की समस्याओं का प्राथमिक कारण रोटेटर कफ में पाये जाने वाले आसपास के कोमल ऊतक का उम्र के कारण प्राकृतिक रूप से बिगड़ना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कंधों में होने वाली इस जकड़न को फ्रोजन शोल्डर नाम से जाना जाता है। इस दर्द का कारण आसानी से पता नहीं चलता। फ्रोजन शोल्डर में कंधे की हड्डियों को मूव करना मुश्किल होने लगता है। रोटेटर कफ में तकलीफ की स्थिति 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में ज्यादा देखी जाती है। कंधे के अत्यधिक प्रयोग से उम्र की वजह से होने वाली गिरावट में तेजी आ सकती है। कंधे का दर्द दिनभर की गतिविधियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।
फ्रोजन शोल्डर की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुनी पाई गयी है। हालांकि इस समस्या का वास्तविक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना गया है कि कंधों के आसपास जोड़ों में सूजन आने के कारण इस प्रकार का दर्द होता है।
फ्रोज़न शोल्डर के लक्षणः
कंधों का सुन्न पड़ जाना, कंधों को घुमाने में असमर्थता महसूस होना, रात में कंधों में तीव्र दर्द होना। दर्द को अनदेखा न करें। यह लगातार हो तो डॉक्टर को दिखाएं। सामान्य कंधों के दर्द में दर्द निवारक दवाओं से ही राहत मिल जाती है। ऐसा दर्द कंधों में सूजन के कारण होता है, इसलिए सूजन कम करने वाली दवाएं भी राहत पहुंचा सकती हैं। लेकिन दर्द की दवाओं का प्रयोग केवल आपात स्थिति में ही करें।
फ्रोजन शोल्डर ठीक करने के उपायः
कंधों को गर्म या ठंडा सेक दें। दर्द से जल्द आराम के लिए एक्यूपंक्चर चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं। फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा का सबसे अच्छा उपाय फिजियोथेरेपी माना जाता है। फिजियोथेरेपी में कंधों में खिंचाव उत्पन्न कर कंधों को दोबारा गतिमान बनाना होता है। ऐसा करने के लिए कंधों के विभिन्न बिंदुओं को व्यायाम द्वारा धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है। फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा समय पर नहीं की गई तो मरीज को पूरा जीवन इस समस्या के साथ बिताना पड़ सकता है।
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